आम आदमी पार्टी (AAP) को कथित रूप से सरकारी विज्ञापनों के बहाने, राजनीतिक विज्ञापनों के लिए 163.62 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) वीके सक्सेना द्वारा चीफ सेक्रेटरी को सरकारी विज्ञापनों के बदले राजनीतिक विज्ञापन के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) से 97 करोड़ रुपये की रिकवरी का निर्देश दिया गया था। इसके लगभग 1 महीने बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) को यह नोटिस जारी किया गया है।
10 दिनों के अंदर लौटानी होगी रिकवरी की रकम
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सूचना एवं प्रचार निदेशालय (DIP) द्वारा जारी वसूली नोटिस में राशि पर ब्याज भी शामिल है और आम आदमी पार्टी (AAP) को इस रकम की भुगतान के लिए 10 दिनों का वक्त दिया गया है। अगर पार्टी 10 दिनों के भीतर यह रकम नहीं लौटाती है तो दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi LG) के आदेश के मुताबिक पार्टी की संपत्तियों की कुर्की सहित सभी कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इस पूरे मामले पर फिलहाल आम आदमी पार्टी की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई है।
पिछले महीने भेजा गया था नोटिस
पिछले महीने एलजी के आदेश के बाद, डीआईपी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सरकारी विज्ञापनों के बहाने आम आदमी पार्टी के राजनीतिक विज्ञापनों के लिए 163.62 करोड़ रुपये की रिकवरी का नोटिस भेजा था। बता दें कि इसमें 99.31 करोड़ रुपये मूलधन के रूप में है जो कि 31 मार्च 2017 तक के विज्ञापनों के लिए खर्च किया गया था। जबकि 64.31 करोड़ रुपये की राशि को ब्याज के तौर पर वसूला जाएगा। दिल्ली सरकार के ऑडिट निदेशालय ने 31 मार्च, 2017 के बाद ऐसे सभी राजनीतिक विज्ञापनों का ऑडिट करने के लिए एक विशेष ऑडिट टीम भी नियुक्त की है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया था कमेटी बनाने का निर्देश
बता दें कि साल 2016 में, दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने AAP सरकार द्वारा राजनीतिक विज्ञापनों के संबंध में शिकायतों के मामले में निर्णय लेने के लिए सरकारी विज्ञापन में सामग्री विनियमन (CCRGA) पर समिति को निर्देश दिया था। तीन सदस्यों वाले CCRGA ने निर्देश दिया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा तैयार की गई गाइडलाइन का मुख्य उद्देश्य राजनेता या सत्ता में राजनीतिक दल की इमेज के लिए सरकारी पैसे के गलत इस्तेमाल को रोक लगाना है। समिति ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह पूरे खर्च की भरपाई आप (Aam Aadmi Party) से सरकारी खजाने को कराये।
आम आदमी पार्टी ने दायर की थी याचिका
आप सरकार द्वारा 22 सितंबर, 2016 को CCRGA के समक्ष दायर एक समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया गया था। जांच के बाद यह सामने आया था कि 31 मार्च 2017 तक लगभग 97.15 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च किए गए थे। जो कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी उल्लंघन था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आकलन के बाद यह रकम 106.42 करोड़ रुपये के लगभग कर दी गई है। रिकॉर्ड के अनुसार, 106.42 करोड़ रुपये में से, डीआईपी द्वारा संबंधित एजेंसियों को 99.31 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है और 7.11 करोड़ (लगभग) बकाया है।
DIP ने जारी किया है ये नोटिस
DIP की तरफ से जारी नोटिस में यह कहा गया है कि, आपसे अनुरोध है कि राज्य के खजाने को 99.31 करोड़ रुपये की रिकवरी की जाए और शेष विज्ञापनों के लिए लगभग 7.11 करोड़ रुपये जिनका भुगतान अब तक जारी नहीं किया गया है सरकार, इस नोटिस के जारी होने की तारीख से 10 दिनों के भीतर संबंधित एजेंसियों को सीधे भुगतान करे। बता दें कि 20 दिसंबर को, जब एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव को राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था, तो पार्टी ने कहा था कि उनके पास इस तरह के आदेश पारित करने की कोई शक्ति नहीं है।
आम आदमी पार्टी ने LG के नोटिस को कहा था लव लेटर
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भरद्वाज ने दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा जारी किए गए नोटिस को न्यू लव लेटर कहा था। उन्होंने कहा कि, बीजेपी बौखला गई है कि हम एक राष्ट्रीय पार्टी बन गए हैं और एमसीडी में उससे सत्ता छीन ली है। एलजी साहब सब कुछ बीजेपी के इशारे पर कर रहे हैं और इससे दिल्ली के लोगों को परेशानी हो रही है।