Ambedkar Row: कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ नेताओं को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कुछ वीडियो क्लिप अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करने के मामले में बुधवार (18 दिसंबर) को X से नोटिस मिला। विपक्षी सूत्रों ने कहा कि X द्वारा इस संबंध में किये गए संवाद में गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र से प्राप्त नोटिस का हवाला दिया गया है। इसमें उनके द्वारा शेयर की गई सामग्री को भारत के कानून का कथित तौर पर उल्लंघन करने वाला करार देते हुए हटाने को कहा गया है। हालांकि, X या गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र से उक्त नोटिस भेजने की पुष्टि नहीं हुई है।
पीटीआई के मुताबिक कांग्रेस को भेजे अपने पत्र में X ने यह भी कहा है कि वह इस मंच के माध्यम से अपने यूजर्स की बोलने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में दृढ़ता से विश्वास करता है। कुछ कांग्रेस सांसदों और नेताओं ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान के 75 गौरवशाली वर्षों की यात्रा पर चर्चा में शाह के जवाब का एक वीडियो क्लिप शेयर किया था, जिसमें उन्होंने बी आर आंबेडकर के बारे में बात की थी और इसे लेकर विपक्ष पर हमला किया था।
अमित शाह ने बीजेपी मुख्यालय में बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और राज्यसभा में आंबेडकर पर उनकी टिप्पणियों को गलत संदर्भ में पेश कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, अश्विनी वैष्णव और रवनीत बिट्टू ने बुधवार को कांग्रेस की आलोचना करते हुए उस पर ओछी राजनीति करने और बी आर आंबेडकर के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर फर्जी बातें फैलाने का आरोप लगाया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर के जीवनकाल में और उसके बाद दशकों तक व्यवस्थित तरीके से उनका अपमान किया और उन्हें बदनाम किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने बाबा साहेब और उनसे जुड़े सभी स्थानों का सम्मान किया है।
विपक्ष ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर से संबंधित अमित शाह की एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को सरकार एवं भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला और कहा कि संविधान निर्माता का अपमान करने के लिए शाह को इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राजद, वाम दलों और शिवसेना (UBT) सहित लगभग सभी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में जोरदार ढंग से उठाया जिसके कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने राज्यसभा में शाह के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने के लिए एक नोटिस भी दिया। विपक्षी दलों ने इस विषय को लेकर दिल्ली और कई अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यालय के पास प्रदर्शन किया तथा 'अमित शाह माफी मांगो, अमित शाह शर्म करो' के नारे लगाए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री को बाबासाहेब के प्रति थोड़ी भी श्रद्धा है तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि शाह को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश संविधान निर्माता का अपमान सहन नहीं करेगा तथा गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह दावा भी किया कि भाजपा संविधान और बाबासाहेब द्वारा किए गए काम को खत्म करना चाहती है।