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Delhi Excise Policy Case: क्या अरविंद केजरीवाल को मिलेगी राहत? CBI केस में दिल्ली HC में आज अहम सुनवाई

Arvind kejriwal Bail: जस्टिस कृष्णा की पीठ ने केंद्रीय जांच एजेंसी को 7 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था और मामले को 17 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। केजरीवाल की याचिका में कहा गया है कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी ED के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिहाई को रोकने, टालने और उन्हें हिरासत से बाहर निकालने का प्रयास है

अपडेटेड Jul 17, 2024 पर 10:34 AM
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Delhi Excise policy case: अगर दिल्ली हाई कोर्ट से बेल मिल जाती है तो केजरीवाल के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाएगा

Delhi Excise policy case: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में आज (17 जुलाई) अहम सुनवाई होने वाली है। CM केजरीवाल ने जमानत के अलावा अपनी गिरफ्तारी को भी दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी हुई है। जज नीना बंसल कृष्णा इस मामले की सुनवाई करेंगी। आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है। अगर CBI मामले में उन्हें राहत मिलती है तो जेल से बाहर आने का रास्ता खुल सकता है। केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।

इस समय केजरीवाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। अगर दिल्ली हाई कोर्ट से CBI मामले में बेल मिल जाती है तो केजरीवाल के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाएगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 जुलाई को आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था और मामले में सुनवाई की अगली तारीख 17 जुलाई तय की थी।

सीबीआई से मांगा था जवाब


जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने शुरू में सीबीआई की इस दलील से सहमति जताई कि केजरीवाल को पहले ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर करनी चाहिए थी। बाद में कोर्ट ने एक नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया कि केजरीवाल द्वारा सीधे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के तर्क पर बहस के समय विचार किया जाएगा। केजरीवाल ने नई याचिका तब दायर की जब हाई कोर्ट ने सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा।

जस्टिस कृष्णा की पीठ ने केंद्रीय जांच एजेंसी को सात दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 17 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। केजरीवाल की याचिका में कहा गया है कि सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी ED के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी रिहाई को रोकने, टालने और उन्हें हिरासत से बाहर निकालने का प्रयास है। 20 जून को दिल्ली की एक अदालत ने प्रत्यक्ष साक्ष्य की कमी का हवाला देते हुए उन्हें उस मामले में जमानत दे दी थी। 25 जून को जस्टिस सुधीर कुमार जैन की अवकाश पीठ ने जमानत पर रोक लगाते हुए कहा था कि यह आदेश गलत है। यह आदेश ED के सबूत की सराहना किए बिना पारित किया गया था।

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केजरीवाल ने याचिका में क्या कहा?

केजरीवाल की जमानत याचिका में कहा गया है कि उन्हें पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण और बाहरी विचारों के लिए घोर उत्पीड़न और परेशान किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान, केजरीवाल की कानूनी टीम ने हाई कोर्ट से यह कहते हुए नोटिस जारी करने का आग्रह किया कि चार सह-आरोपियों को सीबीआई मामले में जमानत दी गई थी। वकीलों ने बताया कि सीबीआई ने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 41 और 41A का उल्लंघन करते हुए ED मामले में जमानत मिलने के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया।

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