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अरविंद केजरीवाल के PS बिभव कुमार पर क्यों गिरी गाज, क्या है वो 17 साल पुराना मामला, 'गंभीर' हैं आरोप

BJP नेताओं ने कहा कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के निजी सचिव को उनके पद से हटाना एक प्रशासनिक निर्णय था, जो शराब नीति घोटाला मामले की जांच में आगे का रास्ता खोलेगा। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को बिभव कुमार (Bibhav Kumar) से उत्पाद नीति मामले में पूछताछ की थी

अपडेटेड Apr 12, 2024 पर 3:50 PM
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अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार को सतर्कता निदेशालय ने बर्खास्त कर दिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के निजी सचिव बिभव कुमार (Bibhav Kumar) को सतर्कता निदेशालय (DoV) ने बर्खास्त कर दिया। कुमार की सर्विस खत्म करने का आदेश विजिलेंस के विशेष सचिव, वाईवीवीजे राजशेखर ने पारित किया। राजशेखर ने 10 अप्रैल, 2024 को पारित किए गए आदेश में कुमार के खिलाफ एक पुराने लंबित मामले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि उनकी नियुक्ति के समय उन्हें "विजिलेंस एंगल" से सेवा के लिए मंजूरी नहीं दी गई थी।

आदेश पारित करने वाले वाईवीवीजे राजशेखर ने अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ लंबित 2007 के एक मामले का हवाला दिया, जिसमें उन पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया गया था।

बिभव कुमार के खिलाफ क्या हैं आरोप?


आदेश में कहा गया, "सक्षम प्राधिकारी केंद्रीय सिविल सेवा (अस्थायी सेवा) नियम, 1965 के नियम 5 के प्रावधानों के अनुसार तत्काल प्रभाव से बिभव कुमार की नियुक्ति को खत्म किया जाता है।"

आदेश में कहा गया कि बिभव कुमार (Bibhav Kumar) के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, जिसमें लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का आरोप भी शामिल है।

आदेश में कहा गया, “यह देखा गया है कि बिभव कुमार के खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं, जिसमें 'लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल' (भारतीय दंड संहिता की धारा 353) का आरोप भी शामिल है, जिसके लिए बिभव कुमार के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। इसलिए बिभव कुमार सतर्कता के नजरिए से ठीक नहीं हैं।”

क्या था ये 17 साल पुराना मामला?

बिभव कुमार के खिलाफ 2007 में नोएडा में ये केस दर्ज किया गया था। 2007 में उत्तर प्रदेश पुलिस के एक हेड कांस्टेबल की ओर से कुमार और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ IPC की धारा 353 - लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल के तहत एक FIR दर्ज की गई थी।

मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जब ये आरोप लगाए गए और FIR दर्ज की गई, तब बिभव कुमार नोएडा में एक विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे।

कुमार, उन पांच लोगों में से एक हैं, जिन्हें तिहाड़ में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से मिलने की अनुमति दी गई थी, जहां वह दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार होने के बाद से बंद हैं।

विजिलेंस विभाग ने पहले भी भेजा था नोटिस

बिभव कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री को 15 सालों से ज्यादा समय से जानते हैं। वह केजरीवाल की आधिकारिक और पर्सनल एक्टिविटी को मैनेज करते हैं और उनके परिवार के सदस्यों के भी करीबी हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को बिभव कुमार से भी शराब नीति मामले में पूछताछ की थी।

नवंबर में सतर्कता विभाग की ओर से कुमार को उनकी नियुक्ति को अवैध बताते हुए एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। जवाब में, उन्होंने कहा था कि मामले की जानकारी पहले ही अधिकारियों को दे दी गई थी और नियुक्ति के बाद से मामले की परिस्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।

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