Atishi Vs Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने बुधवार (18 सितंबर) को मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार आतिशी पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि उनके परिवार के दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर सैयद अब्दुल रहमान गिलानी के साथ घनिष्ठ संबंध थे। गिलानी को एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन बाद में 2001 के संसद हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। AAP सांसद मालीवाल ने कहा कि आतिशी के माता-पिता 2016 में दिल्ली के प्रेस क्लब में अफजल गुरु की याद में आयोजित एक प्रोग्राम में शामिल थे, जिसे 2001 के संसद हमले के मामले में दोषी ठहराया गया था। मालीवाल के अनुसार, यह कार्यक्रम आतिशी के माता-पिता और सैयद अब्दुल रहमान गिलानी द्वारा आयोजित किया गया था।
राज्यसभा सांसद ने दावा किया कि कश्मीर की आजादी की वकालत करने वाले और आतंकी अफजल गुरु का महिमामंडन करने वाले नारे लगाए गए। राज्यसभा सांसद ने अपने आधिकारिकX हैंडल पर लेख के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए, जिसमें कैप्शन लिखा था, "भगवान दिल्ली की रक्षा करें।"
स्वाति मालीवाल ने X पर लिखा, "आतिशी मर्लेना के माता पिता के SAR Geelani के साथ गहरे संबंध थे। गिलानी पे आरोप थे कि संसद पे हमले में उनका भी हाथ था। 2016 में उन्होंने अफजल गुरु की याद में दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रोग्राम किया था। उस प्रोग्राम में आतिशी मर्लेना के माता पिता स्टेज पे गिलानी के साथ थे। इस प्रोग्राम में नारे लगाये गये थे - 'एक अफजल मरोगे तो लाखों पैदा होंगे।' 'कश्मीर मांगे आज़ादी।'"
एक एक आर्टिकल का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए आगे लिखा, "आतिशी मर्लेना के माता पिता ने Arrest and torture of Syed Geelani नाम से लेख लिखे हैं। भगवान दिल्ली की रक्षा करें!" इससे पहले मंगलवार को भी मालीवाल ने दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी को चुनने के AAP के फैसले की आलोचना की थी। उन्होंने दावा किया कि उनके परिवार ने दोषी आतंकवादी अफजल गुरु की फांसी को रोकने के लिए लड़ाई लड़ी थी।
2001 के संसद हमले में अपनी भूमिका के लिए दोषी ठहराए गए अफजल गुरु को 2013 में फांसी दी गई थी। मंगलवार को दिल्ली की मंत्री आतिशी के दिल्ली की नई सीएम बनने की घोषणा के बाद अरविंद केजरीवाल ने शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया। विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा। इसे आप विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही के घर जन्मी 43 वर्षीय आतिशी ने 2013 में आम आदमी पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। 2015 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जल सत्याग्रह में भाग लेने के बाद उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आतिशी को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक दल की नेता चुने जाने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 'चिंता का विषय' करार दिया और कहा कि यह नगर के लोगों के साथ 'अन्याय' है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मंगलवार को एक बयान जारी कर आतिशी को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाए जाने के फैसले की आलोचना की।
उन्होंने कहा, "यह चिंताजनक है कि आप ने आतिशी को मुख्यमंत्री के तौर पर चुना है। जबकि उनके माता-पिता भारतीय संसद पर हमले के लिए जिम्मेदार एक आतंकवादी को फांसी दिए जाने से रोकना चाहते थे।" उन्होंने कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति आप की प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।