Bihar Land Survey News 2024: बिहार में इस समय जमीन सर्वे का काम चल रहा है। अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सर्वे काफी चर्चा में बना हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद राज्य में भूमि सर्वेक्षण शुरू करने का आदेश दिया है। उन्होंने राजस्व और भूमि सुधार विभाग को चुनाव से कुछ महीने पहले जुलाई 2025 तक इस सर्वे को पूरा करने का निर्देश दिया है। यह सर्वे राज्य के लगभग 45,000 गांवों के लैंड रिकॉर्ड्स को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
बिहार अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB), 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, तमाम पुलिस स्टेशनों में दर्ज हत्या के 60 फीसदी मामले भूमि विवाद से संबंधित हैं। नीतीश सरकार का मानना है कि यह सर्वे भूमि विवाद कम करेगा।
इस बीच, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरें भी चल रही हैं कि बढ़ते विवादों को देखते हुए बिहार में जारी जमीन सर्वे का काम रुक सकता। हालांकि, जमीन सर्वे को रोके जाने की अटकलों को प्रदेश के राजस्व, भूमि और सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने सिरे से नकार दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के मंत्री जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि जमीन सर्वे का काम सुचारू ढंग से चल रहा है और किसी भी कीमत पर लैंड सर्वे का काम रुकने वाला नहीं है।
उन्होंने इशारों ही इशारों में इन अफवाहों के लिए जमीन माफियाओं को जिम्मेदार बताता। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो जमीन पर अवैध कब्जा कर रखे हैं, वही जमीन माफिया नहीं चाहते हैं कि सर्वे हो। मंत्री ने कहा कि वे चाहते हैं कि सर्वे का कार्य रुक जाए। उन्होंने कहा कि इसलिए वे सर्वे को लेकर गलत धारणा फैला रहे हैं। इसे लेकर जमीनी स्तर पर कोई विवाद नहीं है। यह सर्वे होकर रहेगा। इसमें किसी भी तरह का बदलाव भी नहीं किया जाएगा। इससे गांव के गरीबों का फायदा होने वाला है।
जायसवाल ने कहा कि पहले विभाग के तरफ से स्व घोषणा के लिए लोगों को जो डेडलाइन दिया गया है उसे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम इस पर विचार कर रहे हैं। इसकी घोषणा बहुत जल्द की जा सकती है। एक न्यूज पोर्टल के मुताबिक, गुरुवार यानी 19 सितंबर को इस पूरे मामले की समीक्षा की गई। खुद मंत्री जायसवाल ने इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।
'शराबबंदी' के बाद नीतीश सरकार का दूसरा कड़ा फैसला
सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में नीतीश सरकार को इस सर्वे से भारी नुकसान हो सकता है। हालांकि, शराबबंदी जैसे कड़े फैसले के बाद जमीन विवाद और उससे पैदा होने वाली हिंसा को खत्म करने के मकसद से नीतीश सरकार ने भूमि सर्वे कराने का निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि सर्वे होने के बाद से भूमि समस्या लगभग खत्म हो जाएगी। साथ ही इससे जुड़े विवाद भी समाप्त हो जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि किसी भी गांव में कहीं कोई विवाद नहीं है। इससे डिजिटल रूप से जमीन का भविष्य तय होगा। जमीन सर्वे में लोगों को कई तरह की परेशानियां आ रही हैं। इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि प्रदेश में जमीन सर्वे में सामने आ रही समस्याओं को देखते हुए फिलहाल रोक लगाई जा सकती है।
डिजिटल होंगे डॉक्यूमेंट्स
भूमि सर्वे में डॉक्यूमेंट्स के संबंध में राज्य सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल से दस्तावेज डाउनलोड करने को कहा है। बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि लोगों को अपने दस्तावेजों के लिए अंचल कार्यालय और अभिलेखागारों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। करीब 15 करोड़ जमीन संबंधी पन्ने डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं। सिंह ने कहा कि लोगों के पास अपने दस्तावेज जमा करने के लिए पर्याप्त समय है। घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। सिंह ने कहा कि लोगों को दावा आपत्ति के लिए भी पर्याप्त अवसर दिया जाएगा।