Samvidhan Debate: केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रमुख जेपी नड्डा ने मंगलवार (17 दिसंबर) को राज्यसभा में संविधान पर बहस में हिस्सा लेते हुए जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एक राष्ट्र-दो संविधान की नीति को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज कल जब हम संस्कृति की बात करते हैं, तो कुछ लोगों को तकलीफ होती है। जब हम संस्कृति की बात करते हैं, तो उन्हें लगता है कि हम प्रोग्रेसिव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान हमें कमल के जरिए प्रेरणा देता है कि तमाम मुसीबतों के बावजूद हम प्रजातंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
राज्यसभा में बीजेपी प्रमुख ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में न ही सिर्फ आर्टिकल 370 आई, बल्कि संसद में चर्चा किए बिना आर्टिकल-370 में राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से 35(A) लाया गया। उन्होंने कहा कि आज कल प्रजातंत्र की बहुत चर्चा होती है। आप (कांग्रेस) आर्टिकल-370 में प्रेसिडेंटियल ऑर्डर के माध्यम से 35(A) लाते हैं और उस पर चर्चा तक नहीं करते हैं।
उच्च सदन में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि ये 35(A) डिफाइन करता था कि जम्मू कश्मीर में कौन जम्मू कश्मीर का नागरिक होगा। जम्मू कश्मीर में जो 1944 से पहले रहा करते थे, वही लोग राज्य के नागरिक होंगे और किसी को राज्य की नागरिकता नहीं दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं उनके ध्यान में लाना चाहता हूं कि संविधान की मूल प्रति में अजंता एलोरा की छाप दिखती है, कमल की भी छाप दिखती है। कमल इस बात को प्रतिबिंबित करता है कि हम कीचड़ में से निकल कर आजादी की लड़ाई लड़कर नई सुबह के साथ खड़े होने को तैयार हैं।
नड्डा ने अपने संबोधन में आगे कहा कि वेस्ट पाकिस्तान से आए हुए मनमोहन सिंह, इन्द्र कुमार गुजराल भारत के प्रधानमंत्री बने। लाल कृष्ण आडवाणी जी भी वेस्ट पाकिस्तान से आए थे और वह भारत के उप-प्रधानमंत्री बने। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि PoK से आया हुआ व्यक्ति जम्मू कश्मीर की विधानसभा का सदस्य नहीं बन सकता था। वह पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकता था। यहां तक कि उस व्यक्ति को वोट देने की भी अनुमति नहीं थी।
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि जब हम संस्कृति की बात करते हैं तो कई लोगों को लगता है कि हम प्रगतिशील नहीं हैं। मैं उनका ध्यान दिलाना चाहता हूं कि संविधान की मूल प्रति पर अजंता और एलोरा की गुफाओं की छाप भी थी। इस पर हमें कमल की छाप भी दिखाई देती है।
उन्होंने कहा कि कमल इस बात को दर्शाता है कि कीचड़ और दलदल से निकलकर आजादी की लड़ाई के बाद हम एक नई सुबह के साथ नए संविधान के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं इसीलिए हमारा संविधान भी हमें कमल से प्रेरणा देता है कि तमाम परेशानियों के बावजूद भी हम लोकतंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल को देश को एकजुट करने का काम सौंपा गया था और मुझे बहुत खुशी हुई कि लंबे समय के बाद मैंने कांग्रेस की ओर से भी सरदार पटेल का नाम सुना। बहुत दिनों के बाद मैंने कांग्रेस के लोगों को महापुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में बोलते हुए सुना। उन्होंने 562 रियासतों को एकजुट किया और जम्मू-कश्मीर को तत्कालीन प्रधानमंत्री के लिए छोड़ दिया।
नड्डा ने कहा कि जिन्होंने आपातकाल लगाया था वे आज गोदी मीडिया की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान की प्रस्तावना के साथ छेड़छाड़ की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे संविधान निर्माता यह जानते थे कि यह कोई राष्ट्र निर्माण नहीं है, यह तो हमेशा से ही एक राष्ट्र था। बीजेपी प्रमुख ने कहा कि भारत केवल सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं है बल्कि यह लोकतंत्र की जननी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपने (कांग्रेस) संविधान की प्रस्तावना के साथ भी छेड़छाड़ कर दी। उसमें सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द जोड़ दिया। अगर आपने (कांग्रेस) संविधान पढ़ा होता और संविधान निर्माताओं की आकांक्षाओं को समझा होता तो आपने नहीं जोड़ा होता। क्योंकि डॉ. अंबेडकर ने लिखा है कि भारत का संविधान पूरी तरह सेक्युलर है, इसमें सेक्युलर टर्म जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है।