केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) के अधिकारी पिछले एक पखवाड़े से बंगाल में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हैं। दरअसल, अदालत के आदेशों के बाद कम से कम से चार बेहद चर्चित मामले CBI को सौंपे जा चुके हैं। शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय नेता भादू शेख की हत्या के मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए। कोर्ट ने टिप्पणी की कि शेख की हत्या और बीरभूम हत्याकांड एक दूसरे से जुड़े हैं, क्योंकि उसकी हत्या के बाद ही रामपुरहाट गांव में नरसंहार की शुरुआत हुई।
बदले की कार्रवाई में 8 लोगों की हत्या के संकेत : हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “सीबीआई द्वारा इस कोर्ट के सामने जमा रिपोर्ट से प्रथमदृष्ट्या पता चलता है कि बोगतुई गांव में आग लगाने और हत्या की नृशंस वारदात सीधे तौर पर उसी रात 8.30 बजे गांव में भादू एसके की हत्या से जुड़ी हुई है। इससे पता चलता है कि यह घटना गांव के दो गुटों के बीच दुश्मनी का नतीजा है। साथ ही बदलने की योजना के तहत मकानों में आग लगाकर 8 लोगों की नृशंस हत्या की गई हैं।”
ये मामले देख रही है सीबीआई
कोर्ट ने कहा, अगर एक एजेंसी दोनों घटनाओं की जांच करती है इससे न सिर्फ हकीकत का पता लगाना आसान हो जाएगा, लेकिन इससे इसी अदालत में मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
वर्तमान में सीबीआई रामपुरहाट हत्याकांड, टीएमसी लीडर भादू शेख की हत्या, एसएससी ग्रुप डी स्कैम और झालदा काउंसलर मर्डर केस को देख रही है।
वर्कलोड बढ़ने से नियुक्त किए दो एसपी
सूत्रों ने न्यूज 18 से बातचीत में कहा, वर्कलोड बढ़ने के कारण गुरुवार को स्पेशल क्राइम ब्रांच कोलकाता के दो एसपी नियुक्त किए गए हैं। बंगाल यूनिट में कई अन्य अधिकारियों के पहुंचने का अनुमान है।
स्पेशल क्राइम ब्रांच की अपनी टीम के साथ रामपुरहाट केस देख रहे डीआईजी अखिलेश सिंह हत्याकांड की जांच के लिए पिछले 13 दिन से गांव में हैं। सीबीआई ने गुरुवार को चार लोगों- बप्पा, शाबू, ताज मोहम्मद और सिराजुल को मुंबई से गिरफ्तार किया, जो 21 मार्च को रामपुरहाल के बोगतुई गांव में हत्याकांड के बाद वहां से भाग गए थे।
झालदा केस भी सीबीआई के पास
कांग्रेस काउंसलर तपन कांडू की हत्या की जांच के लिए सिंह जल्द ही बंगाल के पुरुलिया जिले में झालदा पहुंच जाएंगे। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद, सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है।
सीबीआई चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले को भी देख रही है। वहीं उसकी आर्थिक अपराध शाखा चिट फंड के मामले, उसकी एंटी करप्शन ब्रांच नारदा, कोयला मामला और एसएससी स्कैम मामले देख रही है।
बीएसएफबी बैंक फ्रॉड का मामला एक अन्य ब्रांच के हाथ में है।