Chandigarh Mayor Elections Row: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (19 फरवरी) को पिछले महीने हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह (Anil Masih) के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकारी ने मतपत्रों से छेड़छाड़ की बात स्वीकार की है। अपनी प्रारंभिक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालत "लोकतंत्र की हत्या" की अनुमति नहीं देगी और रजिस्ट्रार जनरल को सभी रिकॉर्ड सुरक्षित करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। उन्हें मंगलवार (20 फरवरी) को अदालत में उपस्थित होना होगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सुनवाई कर रही तीन-जजों की पीठ ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग की प्रक्रिया एक गंभीर मुद्दा है। CJI ने यह भी आदेश दिया कि सुरक्षित मतपत्रों को मंगलवार को शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होने से एक दिन पहले रविवार रात बीजेपी के मेयर मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि वह मतपत्रों और वीडियो लाने के वास्ते मंगलवार को न्यायिक अधिकारी को तैनात करे। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अधिकारी और रिकॉर्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का प्रशासन को निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मंगलवार दोपहर दो बजे मतपत्रों और मतों की गिनती की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग का अवलोकन करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खरीद-फरोख्त हो रही है, हालांकि इसने इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर दायर याचिका पर किसी और दिन सुनवाई की जाए।
शीर्ष अदालत ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह से पूछा कि उन्होंने मतपत्रों पर X निशान क्यों लगाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट में पेश मसीह ने कहा कि उन्होंने 8 'विकृत' मतपत्रों पर X का निशान लगाया।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी लगाई थी फटकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालत "लोकतंत्र की हत्या" की अनुमति नहीं देगी। शीर्ष अदालत ने रजिस्ट्रार जनरल को सभी रिकॉर्ड सुरक्षित करने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने 5 फरवरी को महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों में छेड़छाड़ की थी। इसलिए उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा था कि अधिकारी का कृत्य लोकतंत्र की हत्या और मजाक है। अदालत ने मत पत्रों और मतदान की कार्यवाही के वीडियो को सुरक्षित रखने का भी आदेश दिया था। साथ ही 19 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई के दिन निर्वाचन अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था।
मेयर ने दिया इस्तीफा, AAP को झटका
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता मनोज सोनकर (Chandigarh Mayor Manoj Sonkar quits) ने चंडीगढ़ के मेयर पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया। इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन पार्षद BJP में शामिल हो गए हैं। यह घटनाक्रम मेयर पद के लिए हालिया चुनावों में कथित धांधली के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी सोमवार (19 फरवरी) को होने वाली सुनवाई से एक दिन पहले हुआ। सोनकर ने लगभग एक महीने पहले 30 जनवरी को आम आदमी पार्टी (AAP) के कुलदीप कुमार को हराकर मेयर का चुनाव जीता था। BJP की चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख जतिंदर पाल मल्होत्रा ने कहा कि सोनकर ने निगम आयुक्त को अपना इस्तीफा सौंपा है।
मल्होत्रा ने कहा कि कांग्रेस और AAP के बीच कोई गठबंधन नहीं है। वे केवल जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा, ''उन्हें जनता के सामने बेनकाब किया जाएगा।'' इस बीच, BJP के वरिष्ठ नेता अरुण सूद ने कहा कि AAP के तीन पार्षद नेहा, पूनम और गुरुचरण काला पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। AAP के तीनों पार्षदों के पाला बदलने से यह तय है कि जब भी मेयर के नए चुनाव होंगे तो पलड़ा बीजेपी के पक्ष में झुक जाएगा।
तीनों के शामिल होने से पहले 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में BJP के 14 पार्षद थे और AAP के 13 पार्षद थे। चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर को भी निगम के सदन में मतदान का अधिकार है। जबकि कांग्रेस के 7 और शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है। BJP ने 30 जनवरी को महापौर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की थी जिससे AAP और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा था। उसने निर्वाचन अधिकारी पर मत पत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।