Cabinet meet : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) के तहत बिहार में बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड मोकामा-मुंगेर सेक्शन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 82.4 किमी है। इस प्रोजेक्ट की लागत 4,447.38 करोड़ रुपये है। यह प्रोजेक्ट बक्सर से भागलपुर कॉरिडोर का एक खंड है,जो दक्षिणी बिहार की एक बड़ी परियोजना है। उन्होंने बताया कि अगर बक्सर से पटना जाते हैं तो पहले से ही एक अच्छा नेटवर्क है और पटना से आगे फतुहा और फतुहा से आगे बेगूसराय तक, यह परियोजना लगभग पूरी हो चुकी है। इसमें कुछ 6 लेन और कुछ 4 लेन की हैं।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आज बुधवार 10 अक्टूबर को जिस खंड को मंजूरी दी गई है वह मोकामा से मुंगेर तक 82 किलोमीटर लंबी है। इसके आगे मुंगेर से भागलपुर तक इसका विस्तार है,जहां पहले से ही काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के कारण यात्रा समय में कुल मिलाकर लगभग 1 घंटे की बचत होगी।
कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति के मुताबिक बक्सर से भागलपुर कॉरिडोर का यह सेक्शन मोखामा,बरहिया,लखीसराय,जमालपुर और मुंगेर जैसे महत्वपूर्ण शहरों से होकर गुजरता है या उन्हें कनेक्टिविटी उपलब्ध करता है और भागलपुर तक जाता है।
मोकामा-मुंगेर खंड पर माल ढुलाई और यातायात में बढ़त होने की उम्मीद
बताते चलें कि पूर्वी बिहार में मुंगेर-जमालपुर-भागलपुर बेल्ट एक अहम इंडस्ट्रियल सेक्टर के रूप में उभर रहा है। यह बेल्ट ऑर्डिनेंस कारखानों, लोकोमोटिव वर्कशॉप (जमालपुर में), फूड प्रोसेसिंग (जैसे, मुंगेर में आईटीसी) और लॉजिस्टिक और वेयरहाउस सेंटर के रूप में उभर रहा है। इस इलाके में भागलपुर, भागलपुरी सिल्क की लीडरशिप में एक टेक्सटाइल और लॉजिस्टिक्स सेंटर के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा,इस रीजन को बड़हिया फूड पैकेजिंग और प्रोसेसिंग और कृषि-गोदाम के लिए भी जाना जाता है। इस रीजन में बढ़ती आर्थिक गतिविधि से भविष्य में मोकामा-मुंगेर खंड पर माल ढुलाई और यातायात में बढ़त होने की उम्मीद है।
यात्रा में लगने वाले समय में 1.5 घंटे तक की आएगी कमी
कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने इस पर जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 4-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड कॉरिडोर में टोल टैक्स की सुविधा होगी। यह कॉरीडोर औसतन 80 किमी प्रति घंटा की गति और 100 किमी प्रति घंटा की डिजाइन गति के साथ यात्रा में लगने वाले समय में लगभग 1.5 घंटे तक की कटौती करेगा। यह पैसेंजर और माल ढोने वाले वाहनों को सुरक्षित, तेज और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। 82.40 किलोमीटर की प्रस्तावित परियोजना से लगभग 14.83 लाख मानव-दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 18.46 लाख मानव-दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।