भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता मनोज सोनकर (Chandigarh Mayor Manoj Sonkar quits) ने चंडीगढ़ के मेयर पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया। इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन पार्षद BJP में शामिल हो गए हैं। यह घटनाक्रम मेयर पद के लिए हालिया चुनावों में कथित धांधली के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी सोमवार (19 फरवरी) को होने वाली सुनवाई से एक दिन पहले हुआ। सोनकर ने लगभग एक महीने पहले 30 जनवरी को आम आदमी पार्टी (AAP) के कुलदीप कुमार को हराकर मेयर का चुनाव जीता था। BJP की चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख जतिंदर पाल मल्होत्रा ने कहा कि सोनकर ने निगम आयुक्त को अपना इस्तीफा सौंपा है।
मल्होत्रा ने कहा कि कांग्रेस और AAP के बीच कोई गठबंधन नहीं है। वे केवल जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। उन्होंने पीटीआई से कहा, ''उन्हें जनता के सामने बेनकाब किया जाएगा।'' इस बीच, BJP के वरिष्ठ नेता अरुण सूद ने कहा कि AAP के तीन पार्षद नेहा, पूनम और गुरुचरण काला पार्टी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए। AAP के तीनों पार्षदों के पाला बदलने से यह तय है कि जब भी मेयर के नए चुनाव होंगे तो पलड़ा बीजेपी के पक्ष में झुक जाएगा।
तीनों के शामिल होने से पहले 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में BJP के 14 पार्षद थे और AAP के 13 पार्षद थे। चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर को भी निगम के सदन में मतदान का अधिकार है। जबकि कांग्रेस के 7 और शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है। BJP ने 30 जनवरी को महापौर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की थी जिससे AAP और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा था। उसने निर्वाचन अधिकारी पर मत पत्रों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।
मेयर चुनाव में AAP की हुई थी हार
सोनकर ने मेयर पद के लिए हुए चुनाव में AAP के कुलदीप कुमार को हराया था। सोनकर को 16, जबकि कुमार को 12 वोट मिले थे तथा 8 वोट अवैध घोषित किए गए थे। कुमार ने बाद में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। शीर्ष अदालत ने 5 फरवरी को महापौर चुनाव कराने वाले निर्वाचन अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों में छेड़छाड़ की थी। इसलिए उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा था कि अधिकारी का कृत्य लोकतंत्र की हत्या और मजाक है। अदालत ने मत पत्रों और मतदान की कार्यवाही के वीडियो को सुरक्षित रखने का भी आदेश दिया था। साथ ही 19 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई के दिन निर्वाचन अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था।