Chandigarh Mayor Elections Results 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सभी तीन शीर्ष पदों पर कब्जा बरकरार रखा। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद बीजेपी ने डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर का चुनाव भी जीत लिया है। इसे लोकसभा से पहले साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है। मेयर पद के लिए रिजल्ट घोषित होते ही विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के दो दलों के पार्षदों ने चंडीगढ़ नगर निगम सदन में हंगामा किया।
विपक्ष ने डिप्टी और सीनियर डिप्टी मेयर के पदों के चुनाव का बहिष्कार किया। BJP के उम्मीदवार मनोज सोनकर (Manoj Sonkar) ने कांग्रेस समर्थित आम आदमी पार्टी के कुलदीप कुमार को हराकर जीत हासिल की। सोनकर को 16 वोट मिले, जबकि कुमार के पक्ष में 12 मत आए। वहीं, 8 वोट को अवैध घोषित कर दिया गया। BJP के उम्मीदवार कुलजीत संधू (Kuljeet Sandhu) और राजिंदर शर्मा (Rajinder Sharma) क्रमशः सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए निर्वाचित घोषित किए गए।
विपक्षी पार्षदों ने आरोप लगाया कि चुनाव में मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई। बीजेपी ने इस आरोप को खारिज कर दिया। सोशल मीडिया पर AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने 'दिनदहाड़े हुई धोखाधड़ी' पर 'गंभीर चिंता' व्यक्त की। 18 जनवरी को स्थगन के बाद मंगलवार के चुनाव भी हाई कोर्ट के निर्देश पर हुए हैं। AAP और कांग्रेस ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर आरोप लगाया कि उन्होंने गिनती के दौरान मतपत्रों पर कुछ निशान बना दिए, जिससे वे अवैध हो गए। उन्होंने तर्क दिया कि अमान्य मतपत्रों ने संतुलन को बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में झुका दिया।
कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल ने आरोप लगाया, "चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP के पार्षद-पीठासीन अधिकारी द्वारा लोकतंत्र की हत्या करने की सोची-समझी साजिश के तहत बेधड़क छेड़छाड़ की आशंका सच साबित हुई है।" उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस-AAP एजेंट को मतपत्रों की जांच करने की अनुमति नहीं दी गई। वहीं, कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत ने आरोप लगाया कि जब मतगणना के लिए मतपेटी खोली गई तो पीठासीन अधिकारी ने पार्टी के चुनाव एजेंट को नहीं बुलाया। उन्होंने कहा, "हम नतीजे को स्वीकार नहीं करते।" AAP पार्षद प्रेम लता ने कहा कि वे नतीजे के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
BJP पार्षद सौरभ जोशी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अगर पार्षदों को कोई आपत्ति है तो वे नतीजे को चुनौती दे सकते हैं। नवनिर्वाचित मेयर को अपने बाद दो सबसे वरिष्ठ पदों पर चुनाव कराना था। विपक्षी दलों द्वारा चुनाव के इस चरण का बहिष्कार करने के कारण ये प्रमुख पद भी बीजेपी के पास चले गए। चंडीगढ़ नगर निगम में 35 सदस्यीय सदन में BJP के 14 पार्षद हैं।
BJP की चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर के पास भी पदेन सदस्य के रूप में मतदान का अधिकार है। AAP के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षद हैं। वहीं, शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है। चंडीगढ़ में गठबंधन के हिस्से के रूप में AAP ने मेयर पद के लिए चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने दो अन्य पदों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे थे।
अधिकारियों ने कहा कि नगर निगम भवन में चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ लगभग 700 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।मतदान मूल रूप से 18 जनवरी को होना था, लेकिन पीठासीन अधिकारी के बीमार पड़ने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने इसे 6 फरवरी तक के लिए टाल दिया था। प्रशासन ने उस समय भी कहा था कि कानून-व्यवस्था की स्थिति का आकलन करने के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया था।