Chandrababu Naidu: आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार कर लिया गया है। आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने TDP चीफ और राज्य के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जिस समय उन्हें पकड़ा गया उस समय चंद्रबाबू नंदयाला में बस में ठहरे थे। नायडू को मेडिकल जांच के लिए नंदयाल अस्पताल में ले जाया गया है। इसके बाद उन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा वहीं, एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश को भी गिरफ्तार किया है।
चंद्र बाबू नायडू अपनी यात्रा के दौरान शुक्रवार को नंदयाल जिले के बनगनपल्ली में जनसभा को संबोधित किया था। सार्वजनिक संबोधन के बाद नायडू अपनी वैनिटी वैन में आराम कर रहे थे। आज सुबह (9 सितंबर 2023) करीब 3.30 बजे सीआईडी नायडू को गिरफ्तार करने के लिए उनकी वैनिटी वैन में पहुंची। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने वाहन को घेर लिया। जिससे CID को गिरफ्तार करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद नायडू को सुबह 6 बजे गिरफ्तार किया गया।
इन धाराओं के तहत हुई गिरफ्तारी
नायडू को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत गिरफ्तार किया गया है। चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ IPC की धारा 120(B), 166, 167, 418, 420, 465, 468, 201, 109 के साथ 34 और 37 के तहत केस दर्ज किया गया है। TDP ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश के आपराधिक जांच विभाग (CID) ने TDP प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम N. चंद्रबाबू नायडू को नंदयाला में गिरफ्तार किया है।
नायडू के बेटे नारा लोकेश हिरासत में
वहीं चंद्रबाबू नायडू के बेटे और TDP नेता नारा लोकेश को पूर्वी गोदावरी जिले में पुलिस ने हिरासत में लिया है। TDP ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोकेश का वीडियो भी जारी करते हुए बताया है कि पुलिस ने उन्हें (लोकेश) चंद्रबाबू नायडू से मिलने जाने से रोक दिया।
चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट स्कैम मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है। इस घोटाले में सैकड़ों करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। साल 2016 में TDP सरकार के कार्यकाल के दौरान बेरोजगार युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण मुहैया कराकर बेरोजगारी दूर करने के मकसद से (APSSDC) की स्थापना की गई थी।
आंध्र प्रदेश सीईडी की तरफ से दर्ज FIR के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत कथित घोटाले की जांच कर रहा है। आरोप है कि मेसर्स डीटीएसपीएल, इसके निदेश और अन्य ने शेल कंपनी की मदद से बहुस्तरीय लेनदेन कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। फर्जीवाड़े के जरिए 370 करोड़ रुपये की धनराशि निकाली गई।