'कांग्रेस आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही': राहुल गांधी के रिजर्वेशन पर 'घातक' बयान को मायावती ने लपका
Rahul Gandhi in US: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि जब भारत में पूरी तरह से निष्पक्षता आ जाएगी, तब कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, लेकिन अभी ऐसा नहीं है। कांग्रेस सांसद ने यह टिप्पणी प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात करते हुए की
Rahul Gandhi in US: बीएसपी प्रमुख मायावती ने आरक्षण के संदर्भ में राहुल गांधी के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा
Rahul Gandhi in US: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अमेरिका के जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से संवाद के दौरान कहा कि कांग्रेस (Congress) पार्टी रिजर्वेशन खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब भारत में आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता होगी। लेकिन अभी ऐसा नहीं है। राहुल गांधी ने सोमवार (9 सितंबर) को संवाद के दौरान जाति जनगणना की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी भारत में निचली जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति जानना चाहती है। राहुल गांधी के इस बयान पर अब भारत में नया सियासी संग्राम शुरू हो गया है।
बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने आरक्षण के संदर्भ में राहुल गांधी के बयान को लेकर मंगलवार (10 सितंबर) को कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी के इस बयान से स्पष्ट है कि उनकी पार्टी वर्षों से अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का आरक्षण खत्म करने के षड्यंत्र में लगी है।
राहुल गांधी ने छात्रों से संवाद कार्यक्रम में भारत में आरक्षण कब तक जारी रहेगा, इस सवाल पर कहा कि कांग्रेस पार्टी रिजर्वेशन खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब भारत में आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता होगी लेकिन अभी ऐसा नहीं है। मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सिलसिलेवार टिप्पणियां करते हुए राहुल के इस बयान की तीखी आलोचना की।
जातिवार जनगणना की आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही कांग्रेस
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम ने कहा, "केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी नीत सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और ना ही देश में जातीय जनगणना कराई। अब यह पार्टी इसकी (जातिवार जनगणना) आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो भविष्य में कभी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी।"
मायावती ने कहा, "अब कांग्रेस पार्टी के सर्वेसर्वा श्री राहुल गांधी के इस नाटक से भी सतर्क रहें, जिसमें उन्होंने विदेश में यह कहा है कि भारत जब बेहत्तर स्थिति में होगा तो हम एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षड्यंत्र में लगी है।"
राहुल गांधी के बयान को बताया 'घातक'
उन्होंने कहा, "इन वर्गों के लोग कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधी के दिए गए इस घातक बयान से सावधान रहें, क्योंकि यह पार्टी केंद्र की सत्ता में आते ही, अपने इस बयान की आड़ में इनका आरक्षण जरूर खत्म कर देगी। ये लोग संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से जरूर सजग रहें।"
BSP प्रमुख ने कहा, "सचाई यह है कि कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण-विरोधी सोच की रही है। केंद्र में इसके नेतृत्व वाली सरकार में जब आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इस वर्ग (एससी, एसटी, ओबीसी) के लोगों को इंसाफ नहीं मिल पाने की वजह से ही बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लोग सावधान रहें।"
उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर, जब तक देश में जातिवाद जड़ से खत्म नहीं हो जाता है तब तक भारत की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद इन वर्गों के लोगों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत बेहतर होने वाली नहीं है। इसलिए जातिवाद के समूल नष्ट होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था जारी रहना जरूरी।"
राहुल गांधी ने क्या कहा?
पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका के प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए भारत में आरक्षण कब तक जारी रहेगा, इस सवाल पर कहा, "जब भारत में (आरक्षण के लिहाज से) निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। अभी भारत इसके लिए एक निष्पक्ष जगह नहीं है।"
राहुल ने कहा, "जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं। दलितों को 100 रुपये में से पांच रुपये मिलते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को भी लगभग इतने ही पैसे मिलते हैं। सचाई यह है कि उन्हें उचित भागीदारी नहीं मिल रही है।"
उन्होंने कहा, "समस्या यह है कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी भागीदारी करने में सक्षम नहीं है। भारत के हर एक 'बिजनेस लीडर' की सूची देखें। मैंने ऐसा किया है। मुझे आदिवासी नाम दिखाओ। मुझे दलित नाम दिखाओ। मुझे ओबीसी नाम दिखाओ। मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है। वे भारत की आबादी का 50 प्रतिशत हैं। लेकिन हम बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "यही समस्या है। अब, यह (आरक्षण) एकमात्र साधन नहीं है। अन्य साधन भी हैं।" समान नागरिक संहिता के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा कि वह इस पर तभी टिप्पणी करेंगे जब उन्हें पता चलेगा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) का प्रस्ताव क्या है। उन्होंने यह भी कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन के सदस्यों में मतभेद हैं, लेकिन वे कई बातों पर सहमत भी हैं।