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गांधी जयंती पर राजघाट पर मौजूद न रहने के लिए CM केजरीवाल पर भड़के दिल्ली के LG, बताया प्रोटोकॉल का उल्लंघन, AAP ने उल्टा PM पर साधा निशाना

LG ने अपने पत्र में लिखा, काफी पीड़ा, खेद और निराशा के साथ मैं आपका ध्यान उस ओर ले जाना चाहता हूं, जब कल गांधी जयंती और भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के मौके पर आपने और आपकी सरकार ने जो उपेक्षा की है

अपडेटेड Oct 03, 2022 पर 8:04 PM
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गांधी जयंती पर राजघट पर मौजूद न रहने के लिए CM केजरीवाल पर नाराज हुए दिल्ली के LG

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को एक पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। LG ने इस पत्र में महात्मा गांधी (Gandhi Jayanti) और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Lal Bahadur Shasti Jayanti) पर रविवार को राजघाट (Raj Ghat) और विजय घाट (Vijay Ghat) पर मौजूद न रहने के लिए केजरीवाल और उनकी सरकार की आलोचना की।

LG ने अपने पत्र में लिखा, "काफी पीड़ा, खेद और निराशा के साथ मैं आपका ध्यान उस ओर ले जाना चाहता हूं, जब कल गांधी जयंती और भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के मौके पर आपने और आपकी सरकार ने जो उपेक्षा की है।"

उन्होंने लिखा, "मैं यह कहने के लिए विवश हूं कि न तो आप और न ही आपका कोई मंत्री कल राजघाट या विजय घाट पर मौजूद था, यहां तक ​​कि भारत के माननीय राष्ट्रपति, माननीय उपराष्ट्रपति, माननीय प्रधान मंत्री, माननीय लोकसभा अध्यक्ष और सभी दलों के बाकी शीर्ष राजनीतिक नेताओं, भारत में विदेशी मिशनों के प्रतिनिधियों और दिल्ली के आम निवासी तक, बापू और शास्त्री जी को श्रद्धांजलि देने के लिए विनम्रतापूर्वक इकट्ठा हुए थे।"


उप-राज्यपाल ने आगे लिखा, "भले ही उपमुख्यमंत्री (मनीष सिसोदिया) कुछ मिनटों के लिए वहां मौजूद रहे, लेकिन उन्होंने इस अवसर पर वहां कुछ और देर रुकने के लिए काफी नहीं समझा।"

पत्र में उन्होंने लिखा कि सबसे ज्यादा दुख इस बात का हुआ कि राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति को इस कार्यक्रम में शामिल होने के न्योते को मुख्यमंत्री से अप्रूव कराने के लिए उप मुख्यमंत्री और सामान्य प्रशासन विभाग (GAD), GNCTD के प्रभारी मंत्री, लूप में थे। इस प्रस्ताव को शुरू करने और अप्रूव करने के बाद भी फाइल मुख्यमंत्री के पास गई थी।

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उन्होंने कहा, "इसके अलावा, दिल्ली सरकार के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए, राष्ट्रपति सचिवालय ने मुख्यमंत्री को अपने अतिरिक्त सचिव के जरिए साफ तौर से अवगत कराया था कि मुख्यमंत्री से कार्यक्रम में उपस्थित होने और विजय घाट पर माननीय राष्ट्रपति की अगवानी करनी की उम्मीद की जाती है।"

LG ने कहा, "शुरुआती तौर यह मुझे प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन और जानबूझकर किया गया अनादर जैसा लगता है।" इतना ही नहीं उन्होंने विजय घाट पर मिली गंदगी का भी जिक्र किया है।

सक्सेना ने कहा, "विजय घाट के रखरखाव और बुनियादी सुविधाओं में दिखी उदासीनता भी चौंकाने वाली थी। समाधि द्वार के ठीक सामने, कचरा हुआ था। साफ-सफाई भी बस काम चलाऊ थी। यह फिर से, हमारे सबसे सम्मानित नेताओं में से एक के पूरी तरह अनादर और उनकी स्मृति का अपमान लगता है।"

AAP ने उल्टा PM और LG पर साधा निशाना

LG सक्सेना के पत्र के जवाब में आम आदमी पार्टी ने अपना एक बयान भी जारी किया है। पार्टी ने कहा, "सीएम ने पिछले कई सालों में हमेशा गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है।"

AAP के चीफ मीडिया कॉर्डिनेटर विकास योगी ने ये बयान ट्वीट किया है। इसमें कहा गया कि उस दिन सीएम गुजरात में थे और इसलिए वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। LG की चिट्ठी की वजह को समझना जरूरी है।

उलटा LG और PM पर निशाना साधते हुए AAP ने कहा, "सीएम ने अभी दो दिन पहले अहमदाबाद में पीएम के कार्यक्रम में खाली कुर्सियों के खिलाफ गुजरात के आदिवासी इलाके में एक बहुत बड़ी रैली को संबोधित किया था। इससे PM जल रहे हैं। यह पत्र LG ने PM के निर्देश पर लिखा है।"

यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि ये जवाब आम आदमी पार्टी की तरफ से दिया गया है। मुख्यमंत्री या उप-मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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