DK Shivakumar Assets Case: कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की तरफ से दर्ज आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामले को रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत उनके खिलाफ CBI के आय से अधिक संपत्ति के मामले को रद्द करने की डीके शिवकुमार की याचिका खारिज कर दी। जस्टिस बेला त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने मामले की सोमवार 15 जुलाई को सुनवाई की।
बार एंड बेंच के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में शिवकुमार की, उनके खिलाफ सीबीआई की FIR को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर डीके शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति से संबंधित सीबीआई केस को खारिज करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह खंडित फैसले के आधार पर केस को खारिज नहीं कर सकती।
हाई कोर्ट से मिली थी राहत
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने कहा कि वह कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा, "माफ कीजिए। खारिज (याचिका) किया जाता है।" सर्वोच्च न्यायालय कर्नाटक हाई कोर्ट के 19 अक्टूबर, 2023 के आदेश के खिलाफ डीके शिवकुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने 1 अप्रैल 2013 से 30 अप्रैल 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 74.93 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जब वे सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। शिवकुमार अभी कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं।
2017 में शिवकुमार के घर और दफ्तरों में आयकर विभाग की तलाशी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ अपनी जांच शुरू की। केंद्रीय एजेंसी की जांच के आधार पर सीबीआई ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मांगी। राज्य सरकार ने 25 सितंबर, 2019 को मंजूरी दी थी। सीबीआई ने 3 अक्टूबर, 2020 को उनके खिलाफ FIR दर्ज की थी।