झारखंड (Jharkhand CM) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के यहां सोमवार को हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी और पूछताछ काफी नाटकीय ढंग से शुरू हुई। अभी तक झारखंड सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren Lost) का कुछ भी पता नहीं चल पाया है। न्यूज 18 की एक खबर के मुताबिक हेमंत सोरेन छापेमारी से पहले ही अंडरग्राउंड हो गए। उनका फोन स्विच ऑफ पाया गया, साथ ही उनके करीबियों से जब पूछताछ की तो उन्होंने भी हेमंत सोरेन के ठिकाने (Hemant Soren and ED) के बारे में कोई अपडेट नहीं दी। सोरेन अपने एक सुरक्षाकर्मी के साथ लगभग 2.30 बजे अपने आवास से निकले थे। जबकि उनके सुरक्षा दस्ते का हिस्सा एक अन्य सीनियर पुलिस अधिकारी ने रांची के लिए उड़ान भरी थी।
सीएम सहित उनके सुरक्षाकर्मियों के फोन बंद
मुख्यमंत्री और उनके सुरक्षा कर्मियों के मोबाइल फोन स्विच ऑफ पाए गए जबकि उनके परिवार के सदस्यों, सीएम कार्यालय, कैबिनेट, पार्टी में उनके सहयोगियों ने ईडी को अभी तक उनके ठिकाने के बारे में नहीं बताया है। उनके मुताबिक उन्हें हेमंत सोरेन के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं। सोमवार रात को ED ने हेमंत सोरेन की BMW को उनके दिल्ली स्थित आवास से ड्राइवर समेत अपने कब्जे में ले लिया।
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक ED अब मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों की तलाश में जुटी है। भले ही झारखंड में ईडी की जांच ने अब मुख्यमंत्री के 'लापता' होने के साथ एक सनसनीखेज मोड़ ले लिया है, लेकिन यह जांच के दौरान हुई एकमात्र घटना नहीं है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में झारखंड भाजपा की यूनिट के प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा, “प्रवर्तन निदेशालय के डर से, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास से फरार हो गए हैं और अंडरग्राउंड हो गए हैं।"
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि मीडिया सूत्रों के मुताबिक देर रात हेमंत सोरेन चप्पल पहनकर और चेहरे को चादर से पैदल ही आवास से भाग निकले। उनके साथ दिल्ली गये स्पेशल ब्रांच के सुरक्षाकर्मी अजय सिंह भी लापता हैं। इन दोनों के मोबाइल फोन भी बंद हैं, जिसके बाद से ईडी और दिल्ली पुलिस उनकी तलाश कर रही है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के साथ इतनी बड़ी लापरवाही का कोई दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता। मरांडी ने राज्यपाल से उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया -“इससे अधिक चिंताजनक और शर्मनाक क्या हो सकता है कि एक संवैधानिक पद पर बैठा राज्य का मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर चोर-डकैत की तरह राज्य को भगवान भरोसे छोड़कर फरार हो जाता है। मुख्यमंत्री के फरार होने के मामले में राज्य का नेता कौन है?"
पत्थर खनन और भूमि घोटाला मामले में ईडी ने सीएम को सात बार तलब किया। सोरेन इस महीने की शुरुआत में पेश हुए थे, जबकि उन्हें 31 जनवरी को फिर से एजेंसी के सामने पेश होना था। हालांकि, उनकी पार्टी के कार्यकर्ता ईडी की कार्रवाई के खिलाफ रविवार से राज्य भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। JMM ने एक बयान जारी कर कहा कि ईडी के अधिकारी 29 जनवरी की सुबह कई सशस्त्र कर्मियों के साथ दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंचे थे, जो कानून के अनुरूप नहीं था।
“ऐसी क्या जल्दी थी कि ईडी के अधिकारी दो दिन तक भी इंतज़ार नहीं कर सके? क्या यह लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्री का अपमान नहीं है? क्या केंद्र राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कुछ कर सकता है ,जब वे दिल्ली में हों? JMM ने एक बयान में सोरेन के ईडी को लिखे पहले पत्र का हवाला देते हुए कहा कि वह 31 जनवरी को उनके सामने पेश होंगे।