दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को बड़ी राहत देते हुए उनकी जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है। तेजस्वी यादव मंगलवार को दिल्ली की अदालत में पेश हुए। केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई ने आरजेडी नेता को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
कथित IRCTC (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) घोटाले से जुड़े एक मामले की जांच के बीच जांच एजेंसी के अधिकारियों ने तेजस्वी यादव पर जांच को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
यादव पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीबीआई अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, दिल्ली की अदालत ने जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने तेजस्वी को चेतावनी देते हुए कहा कि आगे से जनता से कुछ बोलें तो शब्दों का सही चयन करें। हम जमानत रद्द नहीं कर रहे हैं, इसका कोई आधार नहीं है।
जज ने आगाह किया कि तेजस्वी आगे से ऐसा कोई बयान नहीं देंगे। तेजस्वी यादव से जज ने पूछा कि क्या डिप्टी सीएम रहते हुए ऐसे बयान देने चाहिए? जज ने आगाह किया कि आप आगे से ऐसा कोई बयान नहीं देंगे। आगे जनता के बीच बोलें तो सही शब्दों का चयन करें।
17 सितंबर को, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईआरसीटीसी से जुड़े कथित घोटाले में यादव को दी गई जमानत को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। यह मामला 2006 का है जब उनके पिता और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। यह आरोप लगाया गया था कि एक निजी फर्म के साथ आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव अनुबंध से जुड़ी कई अनियमितताएं हुई थीं।
आरजेडी नेता और उनकी मां राबड़ी देवी को 2018 में इस मामले में जमानत दी गई थी। केंद्रीय एजेंसी ने अपने एक तर्क में कहा है कि तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फेंस के दौरान अधिकारियों को धमकी दी थी, जिससे मामला प्रभावित हुआ। रांची और पुरी में दो आईआरसीटीसी होटल रिश्वत मामले में शामिल थे। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि आईआरसीटीसी मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
24 अगस्त को, सीबीआई ने पटना, कटिहार, मधुबनी, वैशाली और सीतामढ़ी जिलों में आरजेडी नेताओं के परिसरों पर कई छापे मारे थे। इसके अलावा, गुरुग्राम में अर्बन क्यूब्स मॉल के एक अन्य मामले की भी जांच की, कथित तौर पर यह माना जाता है कि तेजस्वी यादव ने इसमें निवेश किया था।