Karnataka Election 2023: कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा (Priyanka Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के गालियों वाले बयान पर रविवार को कहा कि सार्वजनिक जीवन में इस तरह की बातों को झेलने का साहस दिखाना चाहिए। प्रियंका ने प्रधानमंत्री को अपने भाई राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से सीख लेने की भी सलाह दी जो ‘देश की खातिर गोली खाने को तैयार हैं।’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘जहरीले सांप’ वाले बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने शनिवार को कहा कि अब तक पार्टी और उसके नेताओं ने उन्हें 91 बार तरह-तरह की गालियां दी हैं।
यहां बागलकोट जिले में एक जनसभा में प्रियंका ने प्रधानमंत्री के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, "कम से कम वे (91 गालियां) एक चीज में फिट बैठ रहे हैं, अगर आप उनकी तरफ से मेरे परिवार को दी गई गालियों को देखें और अगर हम लिस्ट तैयार करना शुरू कर दें, तो हम एक के बाद कई किताबें छाप सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "पिछले दो-तीन दिनों से जो कुछ मैं देख रही हूं, वो अजीब है। मैं कई प्रधानमंत्रियों को देख चुकी हूं। इंदिरा जी (इंदिरा गांधी), उन्होंने इस देश के लिए गोलियां खाईं। राजीव गांधी, जिन्होंने इस देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। मैंने पीवी नरसिंह राव और मनमोहन सिंह को इस देश के लिए कड़ी मेहनत करते देखा है।"
प्रियंका ने कहा, "लेकिन वह (मोदी) पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो आपके सामने आते हैं और रोते हैं कि उन्हें गालियां दी जा रही हैं। वह आपका दुख सुनने के बजाय, यहां आकर अपने बारे में बताते हैं।"
मोदी पर कटाक्ष करते हुए प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यालय (PMO) में किसी ने लोगों की समस्याओं के बारे में नहीं बल्कि उन लोगों के बारे में एक लिस्ट बनाई है, जिन्होंने प्रधानमंत्री को कई बार गाली दी थी।
कांग्रेस नेता ने कहा, "हिम्मत रखिए मोदी जी। मेरे भाई राहुल गांधी से सीखिए। मेरा भाई कहता है कि वह इस देश के लिए गाली ही नहीं बल्कि गोली खाने को भी तैयार है। मेरा भाई कहता है कि वह सच के लिए खड़ा रहेगा, चाहे गाली दो, गोली मारो या चाकू मारो।"
प्रियंका ने कहा, "मोदी जी डरिए मत। ये सार्वजनिक जीवन है और ऐसी बातें झेलनी पड़ती हैं। साहस दिखाने और आगे बढ़ने की जरूरत है।"
कांग्रेस महासचिव ने कहा, "अब जब मैं आपसे बात कर रही हूं, तो मैं आपको बता दूं, अगर आप एक और बात सीखते हैं, तो यह अच्छा होगा: लोगों की आवाज सुनें।"