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MUDA Case: जमीन घोटाला मामले में सिद्धारमैया से पुलिस ने की 2 घंटे पूछताछ, सीएम बोले- सभी सवालों के जवाब दिए

MUDA Case: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया विधानसभा उपचुनाव की आचार संहिता के मद्देनजर निजी वाहन से मैसूर के दीवान रोड स्थित लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पहुंचे। इसके बाद सिद्धारमैया बुधवार सुबह 10.10 बजे से दोपहर 12.05 बजे तक करीब दो घंटे तक लोकायुक्त पुलिस अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठे रहे

अपडेटेड Nov 06, 2024 पर 5:02 PM
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MUDA Case: लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया से करीब दो घंटे तक पूछताछ की

MUDA Case: मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) साइट आवंटन मामले में लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार (6 नवंबर) को मैसुरु में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से करीब दो घंटे तक पूछताछ की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिद्धारमैया पूछताछ के लिए जारी समन के जवाब में लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हुए। सीएम ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) टी. जे. उदेश के नेतृत्व में एक टीम के सवालों का जवाब दिया। लोकायुक्त अधिकारी ने पीटीआई से कहा, "पूछताछ करीब दो घंटे तक चली।"

लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज FIR में आरोपी संख्या एक के रूप में नामित मुख्यमंत्री एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बी. एम़ को 14 स्थलों का आवंटन किए जाने में अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने 25 अक्टूबर को उनकी पत्नी से पूछताछ की थी, जिन्हें आरोपी संख्या दो बनाया गया है।

सीएम विधानसभा उपचुनाव की आचार संहिता के मद्देनजर निजी वाहन से मैसूर के दीवान रोड स्थित लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पहुंचे। इसके बाद सिद्धारमैया बुधवार सुबह 10.10 बजे से दोपहर 12.05 बजे तक करीब दो घंटे तक लोकायुक्त पुलिस अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठे रहे।


सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू (जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य का नाम मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई FIR में दर्ज है। स्वामी और देवराजू पहले ही लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हो चुके हैं।

मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग दोहराते हुए यहां प्रदर्शन किया। बीजेपी विधायक टी. एस. श्रीवत्स के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने सिद्धारमैया की आलोचना की और उनसे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने तथा जांच का सामना करने को कहा।

उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए सिद्धारमैया के खिलाफ निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है। लोकायुक्त जांच के तरीके पर संदेह व्यक्त करते हुए श्रीवत्स ने मांग की कि मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाना चाहिए।

सीएम बोले- सभी सवालों के जवाब दिए

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि उन्होंने एमयूडीए मामले में लोकायुक्त पुलिस द्वारा पूछे गए सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। सीएम ने कहा कि उन्होंने उन्हें सच्चाई बता दी है। पूछताछ के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "सब कुछ कानूनी रूप से हुआ है, BJP और JDS झूठे आरोप लगा रहे हैं... मैंने लोकायुक्त पुलिस द्वारा मुझसे पूछे गए सभी सवालों के जवाब दिए हैं, उन्होंने इसे रिकॉर्ड किया है।"

उन्होंने कहा, "मेरे खिलाफ झूठा मामला बनाया गया, मुझसे सवाल किए गए, मैंने सच बता दिया है।" यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लोकायुक्त पुलिस ने बताया है कि उन्हें एक बार फिर पेश होने के लिए कहा जा सकता है, उन्होंने कहा, "नहीं...।"

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सिद्धारमैया समन जारी किए जाने के बाद लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हुए और लोकायुक्त अधीक्षक टी जे उदेश के नेतृत्व में एक टीम द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए। लोकायुक्त पुलिस ने 25 अक्टूबर को उनकी पत्नी से पूछताछ की थी, जिन्हें आरोपी नंबर दो के रूप में नामजद किया गया है।

क्या है आरोप?

मैसुरु स्थित लोकायुक्त पुलिस प्रतिष्ठान द्वारा 27 सितंबर को दर्ज FIR में सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, बहनोई मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू तथा अन्य का नाम है। स्वामी और देवराजू पहले ही लोकायुक्त पुलिस के समक्ष गवाही दे चुके हैं। एमयूडीए मामले में यह आरोप लगाया गया है कि मैसुरु के एक पॉश इलाके में पार्वती को 14 ऐसे भूखंड आवंटित किए गए थे, जिनका मूल्य उस भूमि की तुलना में अधिक है जिसे एमयूडीए ने अधिग्रहित किया था।

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एमूयडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे। विवादास्पद योजना के तहत एमयूडीए ने आवासीय परिसर बनाने के लिए भूखंड छोड़ने वालों को उनसे ली गई अविकसित भूमि के बदले में 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की थी। लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू नाम के एक व्यक्ति और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मल्लिकार्जुन स्वामी ने देवराजू से जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी।

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