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TMC सांसद साकेत गोखले को दिल्ली HC से बड़ा झटका, मानहानि मामले में देना पड़ेगा 50 लाख का हर्जाना

Defamation Case: जुलाई 2021 में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था। उसमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता और राज्यसभा सांसद साकेत गोखले को कथित रूप से अपमानजनक ट्वीट हटाने का निर्देश दिया था। साथ ही उन्हें पुरी के खिलाफ कोई भी अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने से भी रोक दिया गया था

अपडेटेड Jul 01, 2024 पर 5:52 PM
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Defamation Case: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी ने साकेत गोखले पर मुकदमा दायर किया था

Defamation Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार (1 जुलाई) को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता और राज्यसभा सांसद साकेत गोखले को पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी द्वारा दायर मानहानि मामले में 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने गोखले को टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार और अपने X हैंडल पर माफीनामा प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया। हाई कोर्ट ने इन शर्तों के साथ मुकदमे का फैसला सुनाया और कहा कि आदेश का पालन 8 सप्ताह के भीतर किया जाना चाहिए।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी ने साकेत गोखले पर मुकदमा दायर किया था, क्योंकि TMC सांसद ने उन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने स्विट्जरलैंड में अपनी आय से अधिक संपत्ति खरीदी है।

बार एंड बेंच के मुताबिक, जुलाई 2021 में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित किया था। उसमें गोखले को कथित रूप से अपमानजनक ट्वीट हटाने का निर्देश दिया था। साथ ही उन्हें पुरी के खिलाफ कोई भी अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने से भी रोक दिया गया था।


गोखले ने अपने ट्वीट में पुरी द्वारा स्विट्जरलैंड में खरीदी गई प्रॉपर्टी का जिक्र किया था। उन्होंने उनके तथा उनके पति केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की संपत्ति के बारे में सवाल उठाए थे। TMC नेता ने X पर अपने पोस्ट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी टैग किया था और ED जांच की मांग की थी।

पुरी ने हाई कोर्ट में यह दावा करते हुए मानहानि की याचिका दायर की थी कि गोखले के ट्वीट अपमानजनक, दुर्भावनापूर्ण और गलत सूचना पर आधारित थे। उन्होंने तर्क दिया था कि गोखले ने फर्जी दावा किया है कि उनकी आय केवल 10-12 लाख रुपये हो सकती है, क्योंकि वह भारत सरकार से व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) में प्रतिनियुक्ति पर थीं।

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जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने केस का फैसला सुनाते हुए गोखले को टाइम्स ऑफ इंडिया में माफीनामा प्रकाशित कराने को कहा। उन्हें अपने X हैंडल पर माफीनामा डालने का भी निर्देश दिया गया, जिसे 6 महीने तक रखना होगा।

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