Land for job scam Case: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर रेलवे में नौकरी के लिए जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार (20 सितंबर) को को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उसने कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने को लेकर संबंधित अधिकारियों से अपेक्षित मंजूरी प्राप्त कर ली है।
सीबीआई ने विशेष जज विशाल गोगने की अदालत को बताया कि मामले में करीब 30 अन्य आरोपी हैं। इनके लिए अभियोजन की मंजूरी का इंतजार है। उसने अदालत से अनुरोध किया कि अपेक्षित दस्तावेज हासिल करने के लिए उसे 15 दिन का और समय दिया जाए।
अदालत ने सीबीआई को अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया। पीटीआई के मुताबिक, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को तय की। अधिकारियों के अनुसार, यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-D की नियुक्तियों से संबंधित है।
ये नियुक्तियां लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थी। इन नियुक्तियों के बदले में अभ्यर्थियों द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख के परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन उपहार में दी गई या ट्रांसफर की गई। एजेंसी ने 18 मई, 2022 को प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात लोक सेवकों और कुछ अन्य व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
लालू और तेजप्रताप समेत अन्य को समन जारी
जमीन के बदले नौकरी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने 18 सितंबर को लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों तेजस्वी यादव एवं तेज प्रताप यादव समेत कई प्रमुख लोगों को समन जारी किया था। यह पहला मौका है जब तेज प्रताप यादव को इस मामले में तलब किया गया है। कोर्ट ने कहा कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, शुरुआत में उन पर आरोप-पत्र नहीं दायर किया गया था। लेकिन वे एके इंफोसिस लिमिटेड में डायरेक्टर थे। इसलिए अब उन्हें समन किया गया है।
सीबीआई के विशेष जज विशाल गोगने ने लालू प्रसाद यादव, उनके दो बेटों और छह अन्य आरोपियों को समन जारी किया है। उन्हें 7 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया गया है। अन्य आरोपित व्यक्तियों को भी समन किया गया है। कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी अपने समन में शामिल किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 6 अगस्त को पूरक आरोप-पत्र दायर किया था, जिसमें 11 आरोपियों को सूचीबद्ध किया गया था।
इनमें से चार व्यक्तियों की तब से मृत्यु हो चुकी है। अदालत ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी को निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ED ने अखिलेश्वर सिंह को आरोपी बनाया था, जबकि उनकी पत्नी किरण देवी पर शुरू में आरोप नहीं लगाया गया था। हालांकि, वह अपने बेटे अभिषेक की नौकरी के बदले मीसा भारती को जमीन बेचने के मामले में शामिल हैं। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए पर्याप्त सामग्री है।