Odisha News: सेना के एक अधिकारी की मित्र ने कहा है कि ओडिशा के भुवनेश्वर के पास एक पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने का प्रयास करने पर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया। उसके साथी को अवैध रूप से जेल में डाल दिया गया। महिला को पुलिस पर हमला करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप मे पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि सेना के एक कैप्टन की मंगेतर पर 15 सितंबर को भुवनेश्वर पुलिस ने हमला किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। महिला ने गुरुवार (19 सितंबर) को कहा कि उसे कथित तौर पर पुलिस थाने में पीटा गया। उसकी छाती पर लात मारी गई और गलियारे में घसीटा गया। एक पुलिस इंस्पेक्टर ने भी उसके साथ छेड़छाड़ की और उसे फ्लैश किया।
महिला ने पत्रकारों से कहा कि वह अपने दोस्त सेना अधिकारी के साथ देर रात करीब एक बजे अपना रेस्तरां बंद कर घर लौट रही थी। तभी कुछ युवकों ने उनके साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया। उसने पीटीआई को बताया कि इसके बाद वे मदद मांगने के लिए भरतपुर थाने गए। महिला ने आरोप लगाया, "जब हम FIR दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचे तो वहां एक महिला सिपाही सादी वर्दी में थी। हमने उनसे FIR दर्ज करने और बदमाशों को पकड़ने के लिए एक गश्ती वाहन भेजने के लिए कहा। मेरी मदद करने के बजाय, उसने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया।"
वर्तमान में भुवनेश्वर स्थित एम्स में इलाज करा रही महिला ने कहा कि कुछ देर बाद और पुलिसकर्मी थाने पहुंचे और उनके दोस्त से शिकायत लिखने को कहा। महिला ने आरोप लगाया, "मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, उन्होंने उसे (सैन्य अधिकारी) को हवालात में डाल दिया। जब मैंने अपनी आवाज तेज करते हुए कहा कि वे (पुलिस) सेना के अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकते तो दो महिला अधिकारियों ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी।"
महिला ने कहा कि उसने जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की और जब महिला पुलिसकर्मियों ने उसकी गर्दन पकड़ने की कोशिश की तो उसने एक महिला पुलिसकर्मी के हाथ पर काट लिया। महिला ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ और पैर बांधकर उसे एक कमरे में बैठा दिया। महिला के मुताबिक, "कुछ समय बाद एक पुरुष अधिकारी ने दरवाजा खोला और मेरी छाती पर कई बार लात मारी।" राष्ट्रीय महिला आयोग ने घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए DGP से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस द्वारा उन पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार की गई महिला को बुधवार को उड़ीसा हाई कोर्ट के आदेश पर जमानत पर रिहा कर दिया गया। हाई कोर्ट 26 सितंबर को उसके और सेना अधिकारी के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की उसकी याचिका पर सुनवाई करेगा। सेना अधिकारी ने बुधवार को भरतपुर पुलिस स्टेशन में कर्मियों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
थाने में महिला के साथ दरिंदगी
महिला ने कहा, "महिला पुलिसकर्मियों सहित कई पुलिसकर्मियों के साथ एक पुलिस गश्ती वाहन थाने पहुंचा। फिर दो महिला अधिकारियों ने मेरे बाल खींचने शुरू कर दिए और मुझे पीटना शुरू कर दिया। जब मैंने उनसे रुकने की गुहार लगाई, तो उन्होंने मुझे थाने के गलियारे में घसीटा। जब उनमें से एक मेरा गला घोंट रही थी, तो मैंने उसके हाथ पर काट लिया। उन्होंने मेरी जैकेट उतार दी। मेरे दोनों हाथ बांध दिए। उन्होंने मेरे दोनों पैरों को दुपट्टे से बांध दिया और मुझे एक कमरे में फेंक दिया।"
पीड़िता ने कहा, "इसके बाद एक पुरुष अधिकारी आया और मेरी ब्रा उतारने के बाद लगातार मेरी छाती पर लात मारने लगा। फिर थाने का इंस्पेक्टर आया, अपनी पैंट खोली, अपने प्राइवेट पार्ट दिखाए और मुझे ताना मारा कि क्या मैं उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहती हूं। उसने मेरे साथ छेड़छाड़ भी की।" राज्य सरकार ने पहले ही मामले की सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं और इंस्पेक्टर दीनाकृष्ण मिश्रा सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।