Land For Jobs Case: नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू यादव और उनका परिवार तलब, पूछताछ के लिए ED दफ्तर पहुंचीं राबड़ी देवी
Land For Jobs Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नौकरी के बदले जमीन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को पूछताछ के लिए 19 मार्च को तलब किया है। पिछले साल ED ने दिल्ली की एक अदालत में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर किया था
Land For Jobs Case: नौकरी के बदले जमीन का मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-D की नियुक्तियों से संबंधित है
Land For Jobs Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेज प्रताप यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को जमीन के बदले नौकरी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। तेज प्रताप और राबड़ी देवी को मंगलवार (18 मार्च) को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है। जबकि लालू प्रसाद को बुधवार (19 मार्च) को पटना में तलब किया गया है। बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मामले में मंगलवार सुबह ED दफ्तर पहुंचीं। उनके साथ उनकी बेटी मीसा भारती भी मौजूद थीं।
RJD के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव सहित पार्टी के कई नेता और विधायक भी ईडी दफ्तर के बाहर पहुंच गए हैं। सिंह ने आरोप लगाया, "बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार लालू यादव के परिवार को परेशान कर रही है और उनकी छवि धूमिल करने के लिए केंद्रीय एजेंसी का गलत इस्तेमाल कर रही है।"
सूत्रों ने बताया कि नौकरी के बदले जमीन मामले में आज दोपहर में लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव से पूछताछ की जा सकती है। पिछले साल ED ने दिल्ली की एक अदालत में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर किया था। इसमें उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती तथा हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया था।
नौकरी के बदले जमीन का मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-D की नियुक्तियों से संबंधित है, जो पूर्व सीएम के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के कार्यकाल के दौरान की गई थी। ये नियुक्तियां कथित तौर पर आरजेडी सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर नौकरी पाने वाले लोगों द्वारा उपहार में दी गई या ट्रासंफर की गई जमीन के बदले में की गई थीं।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 7 अक्टूबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को जमानत दे दी। जमानत 1-1 लाख रुपये के निजी जमानत बांड पर दी गई। ED ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी और सांसद मीसा भारती के साथ जमीन के बदले नौकरी मामले में जनवरी में पहली चार्जशीट दाखिल की थी।
जांच में अमित कत्याल (जो यादव परिवार का करीबी सहयोगी बताया जाता है), हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को भी पक्षकार बताया गया है। इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने व्यवसायी अमित कत्याल को मेडिकल आधार पर नियमित जमानत दी थी।
रिपोर्ट में एक वरिष्ठ वकील के हवाले से कहा गया है, "कत्याल को नवंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह हिरासत में है। वह सीबीआई से जुड़े मामले में गवाह भी है। उसकी स्वास्थ्य स्थिति ठीक नहीं थी और उसकी सर्जरी भी हुई थी।"
ED ने 6 अगस्त को पूरक आरोप पत्र दायर किया। इसमें लालू, तेजस्वी, लल्लन चौधरी, हजारी राय, धर्मेंद्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, दिवंगत लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी, दिवंगत किशुन देव राय और संजय राय को नामित किया गया। इस आरोपपत्र में 96 सहायक दस्तावेज शामिल हैं।
शिकायत मूल रूप से केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई थी। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। इसे मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने और मनी लॉन्ड्रिंग से लाई गई संपत्ति को जब्त करने में सक्षम बनाने के लिए बनाया गया था।