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न NDA न INDIA... मायावती ने BSP कार्यकर्ताओं को दी सत्ता और विपक्ष से दूरी बनाने की हिदायत

BSP सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने रविवार को आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तैयारी के संबंध में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में पार्टी की तैयारी, सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के साथ ही अन्य जरूरी मुद्दों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। BSP अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को 'फर्जी खबर' और दुष्प्रचार से अपने लोगों को सावधान किया

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 01, 2023 पर 6:18 PM
न NDA न INDIA... मायावती ने BSP कार्यकर्ताओं को दी सत्ता और विपक्ष से दूरी बनाने की हिदायत
मायावती ने BSP कार्यकर्ताओं की सत्ता और विपक्ष से दूरी बनाने की दी हिदायत

Lok Sabha Election 2023: बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) से दूरी बनाए रखने की हिदायत दी है। साथ ही पार्टी ने कार्यकर्ताओं को अपनी ताकत को मजबूत करने को भी कहा है। मायावती ने रविवार को आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) की तैयारी के संबंध में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में पार्टी की तैयारी, सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के साथ ही अन्य जरूरी मुद्दों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।

पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, मायावती ने बैठक के दौरान पार्टी नेताओं को सत्ताधारी राजग और विपक्षी ‘INDIA’ दोनों ही गठबंधनों से 'पूरी-पूरी दूरी' बनाए रखकर अपनी ताकत को और बढ़ने पर काम करने के निर्देश दिए हैं।

BSP अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को 'फर्जी खबर' और दुष्प्रचार से अपने लोगों को सावधान करते हुए कहा, "BSP विरोधी तत्व राजनीतिक साजिश के तहत बीच-बीच में इस प्रकार का दुष्प्रचार करते रहने से अब भी रूक नहीं रहे हैं। इसीलिए हर स्तर पर सावधानी बरतना बहुत जरूरी है, ताकि अपनी चुनावी तैयारी किसी भी प्रकार से प्रभावित न होने पाए।"

बयान के मुताबिक, मायावती ने बीजेपी की चुनावी रणनीति के जिक्र पर कहा कि देश के लोगों की ज्वलन्त समस्यायें- जैसे कि विचलित करने वाली महंगाई, अति गरीबी, बेरोजगारी, आय में कमी, बदहाल सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था लोगों के दिल-दिमाग पर हावी जरूर हैं, मगर ये कितना गंभीर चुनावी मुद्दा बन पाएगा, ये अभी कहना मुश्किल है।

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