Parliament Session 2024: 18वीं लोकसभा सत्र के आगाज के साथ ही विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. मोदी सरकार को घेरने की कोशिशों में जुट गया है। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी समेत I.N.D.I.A. ब्लॉक के नेताओं ने संसद परिसर में संविधान की कॉपी लेकर अपना विरोध जताया। यह विरोध प्रदर्शन कांग्रेस नेता के सुरेश की जगह सातवीं बार के बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने पर किया गया है।
संसद भवन के बाहर विपक्षी सांसदों ने संविधान की कॉपी के साथ मार्च निकाला। इसमें खुद सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत अन्य विपक्षी नेता भी शामिल हुए।
खड़गे ने कहा, "संविधान को बचाने के लिए हमने जो कोशिश की थी उसमें जनता हमारे साथ है लेकिन मोदी जी ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की। इसलिए आज हम यहां एकत्रित होकर विरोध कर रहे हैं।"
वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह जो आक्रमण संविधान पर कर रहे हैं, वो हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है और वो हम नहीं होने देंगे इसलिए हमने शपथ लेते समय संविधान पकड़ा था...हिंदुस्तान के संविधान को कोई शक्ति नहीं छू सकती..."
इससे पहले बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब ने 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई। उनकी नियुक्ति पर अब सवाल भी उठ रहे हैं। कांग्रेस ने इसे लेकर आपत्ति जताई है।
पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल को लोकतंत्र पर लगा काला धब्बा करार देते हुए सोमवार को कहा कि इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करेगा। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत के अवसर पर संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही।
उन्होंने कहा, "कल 25 जून है। जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित है, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं... उनके लिए 25 जून ना भूलने वाला दिवस है। कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की नई पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि उस समय कैसे देश के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, देश को जेल खाना बना दिया गया था और लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था। उन्होंने कहा, "आपातकाल के ये 50 साल इस संकल्प के हैं। गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए... भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए... देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।"
देश में 25 जून, 1975 को आपातकाल घोषित किया गया था और यह 21 मार्च, 1977 तक जारी रहा। इस अवधि को नागरिक स्वतंत्रता के निर्मम दमन के तौर पर देखा जाता है। इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इस कदम का विरोध करने वाले नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। इसके पहले और दूसरे दिन नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण होगा। प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए गए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य भर्तृहरि महताब नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे।
बुधवार को नए लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। राज्यसभा का सत्र भी गुरुवार से शुरू होगा। संसद का यह सत्र 3 जुलाई तक प्रस्तावित है।