Love Jihad Cases: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार (4 अगस्त) को कहा कि उनकी सरकार जल्द ही 'लव जिहाद' के मामलों में आजीवन कारावास की सजा के लिए नया कानून लाएगी। पीटीआई के अनुसार, गुवाहाटी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए शर्मा ने 'लव जिहाद' के मामलों में उम्रकैद को अनिवार्य करने वाले कानून की योजना का खुलासा किया। राज्य बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में सीएम शर्मा ने कहा, "हमने चुनाव के दौरान 'लव जिहाद' के बारे में बात की थी। हम जल्द ही एक कानून लाएंगे, जिसमें ऐसे मामलों में आजीवन कारावास की सजा होगी।"
शर्मा ने यह भी कहा कि जल्द ही एक नई अधिवास नीति पेश की जाएगी जिसके तहत केवल असम में जन्में लोग ही राज्य सरकार की नौकरियों के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व वादे के अनुसार प्रदान की गयी '1 लाख सरकारी नौकरियों' में स्वदेशी लोगों को प्राथमिकता मिली है, जो पूरी सूची प्रकाशित होने पर स्पष्ट होगी।
पीटीआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच जमीन की बिक्री को लेकर भी फैसला किया है। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार इस तरह के लेनदेन को रोक नहीं सकती है, लेकिन आगे बढ़ने से पहले मुख्यमंत्री की सहमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
शर्मा ने जोर देकर कहा कि ये कानून राज्य की बदलती जनसांख्यिकी को देखते हुए तैयार किए गए हैं, जिसे उन्होंने "बड़ी चिंता" और "जीवन और मृत्यु का मामला" बताया। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, नई पॉलिसी का उद्देश्य राज्य के रोजगार के लिए स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता देना है, जो जनसंख्या वृद्धि के प्रबंधन और असम के स्वदेशी समुदायों के हितों की रक्षा पर सरकार के फोकस को दर्शाता है।
असम के मुख्यमंत्री ने X पर एक पोस्ट में कहा, "असम सरकार लैंड जिहाद और लव जिहाद को रोकने के लिए दो कानून ला रही है... अगर कोई मुसलमान किसी हिंदू की संपत्ति खरीदना चाहता है या कोई हिंदू किसी मुसलमान की संपत्ति खरीदना चाहता है, तो उसे सरकार की अनुमति लेनी होगी... लव जिहाद करने वालों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी..."
'लव जिहाद' पर प्रस्तावित कानून में विवाह के माध्यम से जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन से जुड़े मामलों के लिए कठोर दंड लगाने का प्रयास किया गया है। यह कदम उत्तर प्रदेश विधानसभा द्वारा हाल ही में पारित किए गए इसी तरह के विधेयक के बाद उठाया गया है, जिसमें जबरन धर्म परिवर्तन में शामिल अपराधियों के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। इन विधायी परिवर्तनों के अलावा, शर्मा ने अवैध अप्रवास को संबोधित करने और बंगाली भाषी बांग्लादेशी मुसलमानों को असम के मूल निवासी के रूप में मान्यता देने के लिए चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मॉनसून सत्र के दौरान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। इस विधेयक में लव जिहाद समेत कई अपराधों में सजा दोगुनी तक बढ़ाई गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस सप्ताह के शुरुआत में उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी गई। विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन इस विधेयक को सदन से मंजूरी दी गई थी।