महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विद्रोही गुट ने शरद पवार (Sharad Pawar) को उस पार्टी के शीर्ष पद से हटा दिया है जिसे उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक स्थापित और नेतृत्व किया था। अजित पवार गुट के मुताबिक, शरद पवार को NCP के प्रमुख पद से हटा दिया गया है। अजित पवार ने अब खुद NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कब्जा कर लिया है। दावा किया जा रहा है कि 30 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसका फैसला लिया गया था। विद्रोही गुट के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में भी इसका उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा जताया है।
इससे पहले मुंबई में अजित पवार ने बुधवार सुबह 11 बजे और शरद पवार ने दोपहर एक बजे बैठक की। दोनों गुटों की अलग-अलग हुई बैठक में जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। अजित पवार की बैठक में NCP के 32 विधायक पहुंचे और दावा किया गया कि उनके पास 42 विधायकों का समर्थन है। वहीं, शरद पवार के नेतृत्व वाली बैठक में कुल 13 विधायक, 3 एमएलसी और 5 सांसद मौजूद थे।
शरद पवार ने कहा कि जिन विधायकों ने अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें विश्वास में नहीं लिया। अजित पवार गुट ने किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जाएगा। जो लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए, वे हमारे साथ हैं।
वहीं, दूसरी तरफ अजीत पवार ने कहा कि अजित पवार ने अब NCP पर अपना दावा ठोकते हुए पार्टी के नाम और निशान (चुनाव चिह्न) मांगने के लिए चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है। बैठक में अजित पवार ने अपने चाचा पर तंज कसते हुए कहा कि आप 83 साल के हो गए हैं। आप कभी रुकेंगे या नहीं?
शरद पवार को चाचा और गुरू बताते हुए अजीत पवार ने कहा कि IAS अधिकारी 60 साल मैं रिटायर हो जाते हैं। BJP में 75 साल में नेता रिटायर हो रहे हैं। आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी को देखिए। आप तो 83 साल के हो गए हैं। अब हमें आशीर्वाद दीजिए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की गुटीय लड़ाई निर्वाचन आयोग के दरवाजे तक पहुंच गई है। अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह ने उनके समर्थन में विधायकों और सांसदों के 40 से अधिक हलफनामे दाखिल किए हैं। निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि शरद पवार खेमे ने आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि गुटीय लड़ाई के संबंध में कोई भी निर्देश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए।
निर्वाचन आयोग आगामी दिनों में याचिकाओं पर कार्रवाई कर सकता है। साथ ही दोनों पक्षों से उसके समक्ष प्रस्तुत संबंधित दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने के लिए कह सकता है। शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित NCP में रविवार को विभाजन हो गया। अजित पवार 40 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए महाराष्ट्र में शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार में शामिल हो गए।
रविवार को अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री और NCP के आठ अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। अजित पवार ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल के साथ असली राकांपा होने का दावा किया।
शरद पवार ने भी असली NCP होने का दावा किया और पटेल तथा लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भी पत्र लिखकर रविवार को मंत्री पद की शपथ लेने वाले 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है।