Manipur Violence Updates: कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से आग्रह किया कि संसद में मणिपुर की स्थिति को लेकर चर्चा कराई जाए। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के अनुसार, सोनिया गांधी ने मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा के भीतर प्रधानमंत्री मोदी के साथ संक्षिप्त बातचीत के दौरान यह मांग की। सदन की बैठक शुरू होने से कुछ देर पहले पीएम मोदी ने सदन में सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों की दीर्घा की तरफ जाकर नेताओं का अभिवादन किया। जब वह विपक्ष की दीर्घा के पास पहुंचे तो सोनिया गांधी के साथ उनकी थोड़ी देर बातचीत हुई।
संसद सत्र के पहले दिन नेता आमतौर पर एक दूसरे का अभिवादन करते हैं। चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत के दौरान सोनिया गांधी ने आग्रह किया कि मणिपुर की हिंसा के विषय पर सदन में चर्चा कराई जानी चाहिए। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए गुरुवार को संसद परिसर में पत्रकारों से कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है और इससे पूरे देश का अपमान हुआ है।
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले, मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि इस मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है। इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता है।
संसद में भारी हंगामा (Parliament Monsoon Session)
मणिपुर के एक गांव में दो जनजातीय महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने और भीड़ द्वारा उनसे छेड़छाड़ करने संबंधी 4 मई के वीडियो को लेकर संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। ब्रेक के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने कामकाज स्थगित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की, जबकि सभापति ने इस मामले पर अल्पकालिक चर्चा पर जोर दिया।
राज्यसभा में मणिपुर वीडियो पर तुंरत चर्चा की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। कांग्रेस और TMC सांसदों ने नियम 267 का हवाला देते हुए तुरंत मणिपुर हिंसा पर बहस कराने की मांग की। इसपर सभापति ओपी धनखड़ ने नियम और प्रक्रिया का हवाला देने लगे। इसे सुन TMC सांसद ब्रायन भड़क गए और चिल्लाते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को मणिपुर वीडियो पर बोलना ही होगा। वह अब चुप नहीं रह सकते हैं।
संसद की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
मानसून सत्र के पहले दिन मणिपुर हिंसा को लेकर भारी हंगामे के हंगामे के चलते संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई। लोकसभा और राज्यसभा को कल शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले दोनों सदनों की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था। सदन शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने सभी सांसदों से जनहित में सदन में कार्यवाही चलाने की बात कही थी।
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, "आज सदन की कार्रवाई और व्यापार सलाहकार समिति की बैठक में विपक्ष का रवैया देखकर ये स्पष्ट हो जाता है कि वो मन बनाकर आए थे कि सदन की कार्रवाई नहीं चलने देंगे। शायद उनको परेशानी है कि पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार से हिंसा की घटनाएं हुई हैं और छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान में नारी शक्ति का बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियां हैं ऐसे में सरकार ने जब स्पष्ट कर दिया कि हम मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं उसके बावजूद कांग्रेस और बाकि विपक्षी दल सदन की कार्रवाई को रोका.. ये स्पष्ट करता है कि विपक्ष सदन की कार्रवाई को चलने नहीं देना चाहती है।"
दरअसल, मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की कथित घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। 4 मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ व्यक्ति कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करा रहे हैं। इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के एक प्रवक्ता के मुताबिक, घृणित घटना 4 मई को कांगपोकपी जिले में हुई है। वीडियो में दिख रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं तथा उनसे मिन्नतें कर रही हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्होंने मणिपुर में कुछ पुरुषों द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के वीडियो को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की है और उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने इस घटना को निंदनीय और पूरी तरह अमानवीय बताया है।
बता दें कि मणिपुर में करीब दो माह से जातीय हिंसा हो रही है। इस मुद्दे पर पहली बार प्रधानमंत्री ने कुछ बोला है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 लोगों की जान जा चुकी है।