Manmohan Singh Death News: साल 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने से कुछ महीने पहले मनमोहन सिंह ने कहा था कि उनका नेतृत्व कमजोर नहीं है। इतिहास उनके प्रति मीडिया द्वारा उस समय कही गई बातों की तुलना में कहीं अधिक दयालु होगा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता और राजनीति की कठिन दुनिया में आम सहमति बनाने वाले के रूप में याद किया जाता है। हालांकि, मार्च 2011 में मनमोहन सिंह ने अपनी शायरी से सदन में जोरदार तालियां बटोरीं। संसद में उन्होंने अपने शायराना अंदाज से बीजेपी नेताओं को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया था।
दरअसल, विकीलीक्स केबल पर जमकर हंगामा हुआ था, जिसमें तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस पर 2008 के विश्वास मत के दौरान सांसदों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया था। उस वक्त सुषमा स्वराज लोकसभा में विपक्ष की नेता थीं। इस दौरान उन्होंने शहाब जाफरी की मशहूर शायरी के साथ सिंह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "तू इधर उधर की न बात कर, ये बता की काफिला क्यों लुटा। हमें रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है।"
इसके जवाब में मनमोहन सिंह ने अल्लामा इकबाल का दोहा सुनाया, जिसे सुनकर संसद ठहाकों से जोरदार गूंज हुई। सुषमा स्वराज भी मुस्कुरा उठीं। मनमोहन सिंह ने कहा था, "माना कि तेरी दीद के काबिल नहीं हूं मैं, तू मेरा शौक तो देख, मेरा इंतजार कर...।"
दो साल बाद 2013 में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान दोनों नेताओं के बीच दोहे की एक और जंग छिड़ गई। सिंह ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा था, "हमें उनसे वफ़ा की उम्मीद है जो नहीं जानते वफ़ा क्या है।" कुछ ही देर बाद सुषमा स्वराज ने दो शायरियों के साथ जवाब दिया।
मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। उन्हें गंभीर हालत में रात करीब 8.30 बजे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति बताया है।
उन्होंने सिंह की प्रशंसा करते हुए शुक्रवार को कहा कि साधारण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद वह देश के कुछ सबसे महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचे। पीएम मोदी ने एक प्रतिष्ठित सांसद के रूप में उनकी सराहना करते हुए कहा कि सिंह का जीवन उनकी ईमानदारी और सादगी का प्रतिबिंब है।
प्रधानमंत्री ने सुधारों के प्रति सिंह की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि देश के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सिंह का जीवन भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमेशा एक सीख के रूप में काम करेगा कि कैसे कोई व्यक्ति अभावों और संघर्षों से ऊपर उठकर सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकता है।