'फांसी की सजा के कारण बढ़ रही हैं रेप के बाद हत्याएं', राजस्थान CM अशोक गहलोत के बयान के बाद खड़ा हुआ बवाल

स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री के बयान पर कहा, अशोक गहलोत को रेपिस्ट की भाषा बोलना बंद करना चाहिए। निर्भया का जो उन्होंने मजाक उड़ाया, उससे रेप पीड़ितों का हौसला टूटा है

अपडेटेड Aug 07, 2022 पर 3:15 PM
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CM अशोक गहलोत के बयान के बाद खड़ा हुआ बवाल

राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के एक बयान के बाद बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा, 'रेप के आरोपियों (Rapist) को फांसी देने का कानून लागू होने के बाद देशभर में रेप के बाद हत्या (Rape Murder) की घटनाओं में इजाफा हुआ है।' कांग्रेस (Congress) नेता ने शुक्रवार को एक प्रदर्शन के दौरान ये बयान दिया। मुख्यमंत्री ऐसी घटनाओं में इजाफे के लिए कानून और सरकार को दोषी ठहराते दिख रहे थे।

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने एक वीडियो शेयर किया था। इसमें CM गहलोत कहते दिखाई दे रहे हैं, “निर्भया कांड के बाद, दोषियों को अब फांसी दी जाती है। इससे लड़कियों की हत्या में इजाफा हुआ है। आरोपी यौन उत्पीड़न के बाद पीड़िता को जान से मार देता है, ताकि कोई गवाह न हो। मैंने एक देशव्यापी ट्रेंड देखा है कि ऐसा हो रहा है। ये एक खतरनाक ट्रेंड है।"

स्वाति मालीवाल ने मुख्यमंत्री के बयान पर कहा, "अशोक गहलोत को रेपिस्ट की भाषा बोलना बंद करना चाहिए। निर्भया का जो उन्होंने मजाक उड़ाया, उससे रेप पीड़ितों का हौसला टूटा है।"


वह 16 दिसंबर, 2012 के दिल्ली गैंगरेप का जिक्र कर रहे थे, जिसे निर्भया कांड कहा जाता है। 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा को गैंगरेप के बाद काफी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ दिनों बाद छात्रा की मौत हो गई थी। इस घटना ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में भी आक्रोश पैदा कर दिया था।

मामले में चार दोषियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में 20 मार्च, 2020 को पीड़ित छात्रा के परिवार की लंबी, कानूनी लड़ाई के बाद फांसी पर लटका दिया गया था।

बयान के बाद मच बवाल

दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष ने गहलोत की टिप्पणी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “इस टिप्पणी की जितनी भी आलोचना की जाए, वह कम होगी। आज देश में लड़कियों के साथ बेरहमी से रेप हो रहा है। भूख हड़ताल के बाद बड़ी मुश्किल से कानून अस्तित्व में आया। राजनेताओं के इस तरह के बयान हर पीड़ित का मनोबल तोड़ते हैं। नेताओं का काम महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, न कि अनावश्यक बयान देना।"

दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में महिलाओं की सुरक्षा चिंता का विषय रही है।

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इस बयान को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "पिछले तीन सालों में, राजस्थान युवा मासूम लड़कियों के खिलाफ अत्याचार का केंद्र बन गया है। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता है, जो अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए विवादित बयान देकर मुद्दों को बदल देते हैं।"

वहीं बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा, "राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक गैर-ज़िम्मेदार बयान आया, जिसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान में हत्याएं इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि बलात्कार के लिए फांसी की सजा है। ये महिलाओं के प्रति उनकी अपमान वाली मानसिकता को दिखाता है।"

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