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Monsoon Session: बजट को लेकर संसद में विपक्ष ने किया विरोध-प्रदर्शन, लोकसभा और राज्यसभा में भारी हंगामा

Parliament Monsoon Session: विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के घटक दलों ने केंद्रीय बजट में विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ किए गए कथित भेदभाव और अन्याय के खिलाफ बुधवार को संसद के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया

अपडेटेड Jul 24, 2024 पर 11:40 AM
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Parliament Monsoon Session: विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की

Parliament Monsoon Session: विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के घटक दलों के सांसदों ने केंद्रीय बजट में विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ किए गए कथित "भेदभाव और अन्याय" के खिलाफ बुधवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए। फिलहाल, भारी हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा में बजट पर चर्चा जारी है।

विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि यह बजट जनविरोधी है। उन्होंने कहा, "किसी को न्याय नहीं मिला है। बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा तो मिला नहीं।" यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी दल बजट पर चर्चा में भाग लेंगे तो खड़गे ने कहा, "हम प्रदर्शन करेंगे। फिर देखते हैं।"

रिजिजू ने सरकार का किया बचाव


केंद्रीय बजट पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "...बजट बहुत शानदार है और सभी ने इसका स्वागत किया है। विपक्ष यह कहकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है कि यह सिर्फ 2 राज्यों का बजट है। बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का आवंटन 1-2 राज्यों के लिए नहीं है, यह पूरे देश के लिए है...बुनियादी ढांचे से लेकर चिकित्सा, मध्यम वर्ग के लोगों को छूट देना, किसानों को दी जाने वाली सुविधाएं या आदिवासियों को अलग पैकेज देना, यह सब देश के लिए किया गया है। यह कहना गलत है कि पूरा केंद्रीय बजट 1 या 2 राज्यों के लिए है..."

खड़गे के आवास पर मंगलवार (23 जुलाई) शाम I.N.D.I.A. गठबंधन के घटक दलों के सदन के नेताओं की बैठक में इस मुद्दे को लेकर संसद के बाहर और भीतर विरोध जताने का फैसला किया गया था। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को कहा था कि 27 जुलाई को नीति आयोग की होने वाली बैठक का कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बहिष्कार करेंगे।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति इस सरकार का रवैया पूरी तरह से अनैतिक है। इससे पहले द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के.स्टालिन एवं कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की थी।

किसने क्या कहा?

- प्रदर्शन में शामिल शिवसेना (UBT) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, "बजट देश का होता है, यह देश का बजट नहीं है। बजट सरकार बचाने के लिए नहीं होता है..."

- समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने कहा, "हम बस इतना चाहते हैं कि वे (केंद्र) सच बोलें और देश के युवाओं को गुमराह न करें...वे नौकरियां कैसे पैदा करेंगे? उन्होंने राज्यों को भी गुमराह किया है। यहां तक ​​कि बिहार को भी गुमराह किया गया है, राज्य को कुछ नहीं दिया गया है।"

- केंद्रीय बजट पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, "उन्होंने अपने गठबंधन को बचाने के लिए बजट में सभी राज्यों को छोड़ दिया है और केवल दो राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया है। अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ देने वाली योजनाएं और सुधार बजट से गायब थे।"

- कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "यह बजट सिर्फ अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए है... उन्होंने किसी को कुछ नहीं दिया।"

- कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय बजट के विरोध पर कहा, "ये मोदी जी का कुर्सी बचाओ बजट है, सत्ता बचाओ बजट है, बदला लो बजट है। इस बजट से देश के 90% राज्य और 90% से अधिक लोग अलग-थलग कर दिए गए हैं। बजट भाजपा की सत्ता बचाने के लिए नहीं हो सकता, देश की जनता की भलाई के लिए होना चाहिए। मोदी सरकार का बजट केवल और केवल भाजपा की सत्ता बचाओ बजट बनकर रह गया है।"

- शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "यह विरोध बजट में भेदभाव के खिलाफ़ है। सभी विपक्षी शासित राज्यों को नजरअंदाज किया गया है... हमने कल बजट में 'प्रधानमंत्री महाराष्ट्र विरोधी योजना' दिखाई दी। महाराष्ट्र सबसे ज़्यादा टैक्स देने वाला राज्य है, फिर भी हमें बदले में अपना हिस्सा नहीं मिलता।"

- सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "समर्थन मूल्य किसान को ना देकर गठबंधन के साथियों को दे रहे हैं...उत्तर प्रदेश को बड़े सपने दिखाए थे, क्या मिला उत्तर प्रदेश को? डबल इंजन की सरकार है तो डबल लाभ मिलना चाहिए था, दिल्ली का लाभ लखनऊ का लाभ लेकिन लगता है कि दिल्ली अब लखनऊ की ओर नहीं देख रही है या लखनऊ वालों ने दिल्ली वालों को नाराज कर दिया उसका परिणाम बजट में दिखाई दे रहा है... विकास बिहार जा रहा है तो उत्तर प्रदेश को क्यों छोड़ रहे हैं? बाढ़ अगर बिहार की रोकनी है तो नेपाल और उत्तर प्रदेश की बाढ़ रोके बिना आप बिहार की बाढ़ कैसे रोकेंगे? आप पहले उत्तर प्रदेश और नेपाल की बाढ़ रोके तो बिहार की बाढ़ अपने आप रुक जाएगी।"

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