कांग्रेस (Congress) और कई दूसरे विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की और यह आग्रह भी किया कि इस प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बनाए जाए या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच हो। अडानी समेत और भी कई मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित होने के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने मीडिया से कहा, "हम ये कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है?"
उन्होंने कहा, "लोगों के हितों और LIC, SBI के निवेश को ध्यान में रखते हुए, हम चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमारी मांग है कि JPC गठित करके इसकी जांच हो या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में इसकी जांच हो।"
कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में खड़गे ने कहा, "जांच होने पर प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए ताकि पारदर्शिता रहे और लोगों को विश्वास रहे कि उनका पैसा बचा है।" इससे पहले, इस विषय पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद के दोनों की कार्यवाही बाधित हुई।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "संसद के दोनों सदनों को आज दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, क्योंकि सरकार LIC, SBI और दूसरी सार्वजनिक संस्थानों की तरफ से दबाव में किए गए निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग पर सहमत नहीं हुई।"
उन्होंने दावा किया कि ऐसे निवेश के मूल्यों में कमी के कारण आज करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में है।
संसद भवन में हुई विपक्ष की संयुक्त बैठक
इससे पहले, बृहस्पतिवार सुबह खड़गे के संसद भवन में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत और कुछ दूसरे दलों के नेता मौजूद थे।
विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि वे दोनों सदनों में अडानी एंटरप्राइजेज से जुड़ा मुद्दा उठाएंगे और इस पर चर्चा की मांग करेंगे।
खड़गे ने अडानी एंटरप्राइजेज का सीधे तौर पर बिना नाम लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया था। नोटिस में मांग की गई थी कि बाजार में पूंजी गंवाती कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के निवेश के मुद्दे पर चर्चा कराई जाए।
लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी कार्यस्थगन का नोटिस देकर अडानी एंटरप्राइजेज के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि अडानी प्रकरण पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन होना चाहिए।
गौरतलब है कि अडानी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपए के फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (Adani FPO) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के FPO को मंगलवार को फुल सब्सक्रिप्शन मिल गया था।
समझा जाता है कि अडानी एंटरप्राइजेज ने ये कदम अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) के बाद उठाया है। इस कारोबारी समूह ने रिपोर्ट को निराधार बताया था।