Parliament Winter Session Live Updates: अरुणाचल प्रदेश के तवांग (Tawang) सेक्टर में पिछले सप्ताह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों (India-China Clashes) के बीच हुई झड़प मामले को लेकर आज (गुरुवार, 15 दिसंबर) भी संसद में हंगामे के आसार है। विपक्ष इस मुद्दे पर लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) दोनों सदनों में चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है। हालांकि, भारत-चीन सैनिकों की झड़प के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) संसद में बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को LAC से खदेड़ा था। लेकिन रक्षा मंत्री के बयान से असंतुष्ट कांग्रेस का दोनों सदनों से वॉकआउट कर दिया था।
बुधवार को भी तवांग झड़प पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा से 17 विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर दिया। इसमें कांग्रेस, RJD, AAP, MDMK, CPI, JDU, DMK, तृणमूल कांग्रेस और TDP समेत अन्य विपक्षी दलों के सांसद शामिल रहे। कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष दल सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर आज भी संसद में हंगामे के आसार है। फिलहाल, शीतकालीन सत्र के सातवें दिन संसद का कामकाज शुरू हो चुका है। अभी लोकसभा में प्रश्नकाल चल रहा है।
कांग्रेस ने लोकसभा में की चर्चा की मांग
लोकसभा में कांग्रेस (Congress) के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर बुधवार को सदन में चर्चा की मांग की। उन्होंने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सदन में चर्चा होनी चाहिए। चौधरी ने कहा कि 1962 में युद्ध के समय संसद में चर्चा हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने 165 सांसदों को बोलने का मौका दिया था। हम चाहते हैं कि (तवांग में झड़प पर) यहां चर्चा हो।
TMC ने की ‘चीन से खतरे’ पर चर्चा की मांग
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सौगत रॉय ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की घटना को देखते हुए सरकार को ‘चीन से खतरे’ पर संसद में चर्चा करानी चाहिए। उन्होंने सदन में नियम 377 के तहत यह विषय उठाते हुए कहा, ‘चीनी सेना आक्रामकता दिखा रही है। यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रही है। PLA ने हजारों किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है...वह बुनियादी ढांचा बढ़ा रहा है और गश्त भी बढ़ा रहा है।’
रॉय ने आगे कहा कि मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में अपने इलाके की सुरक्षा के लिए कदम उठाए...पाकिस्तान और चीन को स्पष्ट संदेश देना चाहिए। हम चीन के खतरे पर उसी तरह की चर्चा की मांग करते हैं जैसे जवाहरलाल नेहरू ने 1962 में करवाई थी। इस बीजेपी के संजय जायसवाल ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को मिलकर वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए काम करना चाहिए।
रक्षा मंत्री दे चुके हैं जानकारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा को बताया था कि चीन के सैनिकों ने 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया। जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया।
रक्षा मंत्री ने यह भी सूचना दी थी कि इस झड़प में किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है। साथ ही इस तरह की कार्रवाई के लिए मना किया गया है।
आपको बता दें कि भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास एक स्थान पर 9 दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए। पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच गत शुक्रवार को इस संवेदनशील सेक्टर (तवांग) में LAC पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।