Parliament Winter Session: कांग्रेस की अगुवाई वाली विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के कई घटक दलों के सांसदों ने अदाणी ग्रुप से जुड़े मुद्दे पर बुधवार (11 दिसंबर) को संसद परिसर में अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों ने सत्तापक्ष के सदस्यों को तिरंगा एवं गुलाब का फूल भेंट किया। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कुछ अन्य दलों के सांसद संसद भवन के 'मकर द्वार' के पास एकत्र हुए थे। इस दौरान उनके हाथ में तिरंगा और गुलाब का फूल था।
उन्होंने मकर द्वार से संसद भवन में प्रवेश करने वाले भारतीय जनता पार्टी (BJP) और सहयोगी दलों के सांसदों को तिरंगा और गुलाब का फूल भेंट किया तथा कहा कि 'देश मत बिकने दें।' लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को नीले रंग के झोले के साथ विरोध प्रदर्शन किया था।
रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों में अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी और कंपनी के अन्य अधिकारियों पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा अभियोग लगाए जाने के बाद कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से आरोपों की जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने हाल ही में इस मामले को लेकर उद्योगपति गौतम अदाणी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी। अदाणी समूह ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया है। जैकेट, मास्क और बैग के बाद बुधवार (11 दिसंबर) को कांग्रेस के नेता बीजेपी सांसदों को गुलाब और तिरंगा देते नजर आए।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को गुलाब और तिरंगा देते हुए देखा गया। लोकसभा में प्रवेश करने के लिए रक्षा मंत्री जैसे ही अपनी कार से उतरे राहुल गांधी तुरंत उनके पास पहुंचकर गुलाब का फूल और तिरंगा भेंट किया।
इस बीच, राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने के प्रस्ताव संबंधी नोटिस और जॉर्ज सोरोस एवं अदाणी के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के कारण बुधवार को उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत विभिन्न विषयों पर चर्चा के लिए पांच नोटिस मिले हैं।
सभापति ने नोटिस देने वाले सदस्यों में से एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास का नाम लिया। उसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। हंगामे के बीच ही सभापति धनखड़ ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू को बोलने का अवसर दिया। रीजीजू ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में 72 साल बाद एक किसान का बेटा देश का उपराष्ट्रपति बनकर देश की सेवा कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री अभी बोल ही रहे थे और विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने अदाणी मुद्दे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामे के बीच, रीजीजू ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि सभापति के रूप में उन्होंने सदन की गरिमा को बनाए रखा है। लेकिन विपक्षी सदस्य इस पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने में लगे हुए हैं।
सभापति को हटाने के प्रस्ताव संबंधी नोटिस को गंभीर विषय करार देते हुए रीजीजू ने कहा कि विपक्ष के लोग न लोकतंत्र को मानते हैं और ना ही आसन की गरिमा का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने टेलीविजन पर उपराष्ट्रपति का नाम लेकर 'बेमतलब' के आरोप लगाए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने अमेरिकी उद्योगपति और कांग्रेस की सदस्य सोनिया गांधी का नाम लेते हुए कहा कि दोनों के जो संबंध सामने आए हैं, इसकी रिपोर्ट दुनिया के सामने आई है। उन्होंने कहा, "देश के विरोध में काम करने वालों के साथ, भारत के खिलाफ काम करने वालों के साथ आप लोग तालमेल में रहते हैं। जो जॉर्ज सोरोस बोलते हैं, आप लोग भारत में उसी भाषा में बात करते हैं।" रीजीजू ने कहा कि जिस सभापति के खिलाफ नोटिस दिया गया है, उनके जैसा सभापति मिलना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, "वह ऐसे नेता हैं जिन्होंने पद पर रहते हुए और इससे बाहर भी... हमेशा किसानों और गरीबों के लिए बात की है। देश के संविधान की रक्षा करने की उपराष्ट्रपति ने पहल की है। हमें गर्व है कि वह इस कुर्सी पर आसीन हैं। हम लोग फख्र महसूस करते हैं। आसन के खिलाफ आप लोग कोई भी काम करेंगे और इस तरह का नोटिस देने का नाटक करेंगे तो हम लोग इसे कामयाब होने नहीं देंगे।"
रीजीजू ने कांग्रेस पार्टी और सोरोस के बीच रिश्ते पर विपक्षी दल से उसका रूख स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि उसे इस मुद्दे पर देश से माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद सभापति ने जनता दल (सेक्यूलर) के सदस्य और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा को बोलने की अनुमति दी। लेकिन हंगामे के कारण देवेगौड़ा की बात नहीं सुनी जा सकी।
इसी दौरान कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्ष की ओर बैठे सभी सदस्य संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं लेकिन सत्ता पक्ष की ओर बैठे लोग बाबा साहेब का संविधान बदलना चाहते हैं। तिवारी अभी बोल ही रहे थे कि धनखड़ ने 11 बजकर 13 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। फिर दूसरी बार हंगामे के कारण उच्च सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।