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PM Modi Podcast: 'RSS से मुझे जीवन का उद्देश्य मिला': पीएम मोदी बोले- "स्वामी विवेकानंद ने जो सिखाया, संघ भी वही सिखाता है"

PM Modi Podcast with Lex Fridman: एक पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बचपन में आरएसएस की शाखाओं में शामिल होना, उन्हें हमेशा अच्छा लगता था। अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ बातचीत में पीएम पीएम मोदी ने कहा कि मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना और यही मुझे RSS ने सिखाया है

अपडेटेड Mar 16, 2025 पर 8:31 PM
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PM Modi Podcast with Lex Fridman: प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्होंने RSS से जीवन के सार और मूल्यों को सीखा

PM Modi Podcast with Lex Fridman: मशहूर अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) भी वही सिखाता है। रविवार को जारी एक लंबे पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ किए गए अपनी जिंदगी पर आरएसएस के पड़ने वाले असर के बारे में बात की। आरएसएस के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्होंने ऐसे सम्मानित संगठन से जीवन के सार और मूल्यों को सीखा। उन्होंने कहा, "मुझे जीवन का उद्देश्य मिला।"

उन्होंने कहा कि बचपन में आरएसएस की शाखाओं में शामिल होना, उन्हें हमेशा अच्छा लगता था। PM पीएम मोदी ने कहा, "मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना। यही मुझे संघ (RSS) ने सिखाया है। आरएसएस की स्थापना के इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं। दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा, "यह अपने स्वयंसेवकों को जीवन का एक उद्देश्य देता है। यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, संघ भी यही सिखाता है।"


पीएम मोदी ने कहा, "बचपन में RSS की सभाओं में जाना हमेशा अच्छा लगता था। मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य रहता था, देश के काम आना। यही 'संघ' (RSS) ने मुझे सिखाया। RSS इस साल 100 साल पूरे कर रहा है। RSS से बड़ा कोई 'स्वयंसेवी संघ' दुनिया में नहीं है... RSS को समझना आसान काम नहीं है, इसके कामकाज को समझना होगा।"

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "यह अपने सदस्यों को जीवन का उद्देश्य देता है। यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो सिखाया है, संघ भी यही सिखाता है। RSS के कुछ सदस्यों ने शिक्षा में क्रांति लाने के लिए 'विद्या भारती' नामक संगठन की शुरुआत की।"

PM मोदी ने कहा, "RSS के देश भर में करीब 25 हजार स्कूल चलते हैं, एक समय में 30 लाख छात्र इन स्कूलों में पढ़ते हैं। वामपंथियों द्वारा प्रचारित श्रमिक आंदोलन 'दुनिया के मजदूरों, एक हो जाओ!' का नारा लगाते हैं। जबकि RSS का श्रमिक संगठन 'मजदूरों, दुनिया को एक करो!' का नारा लगाता है।"

उन्होंने आगे कहा कि रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और आरएसएस के सेवा-संचालित दर्शन ने मुझे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आदिवासी समुदाय के लिए आरएसएस का काम पीएम ने कहा कि संघ द्वारा पोषित कुछ स्वयंसेवक वनवासी कल्याण आश्रम के माध्यम से आदिवासी समुदायों की सेवा के लिए समर्पित हैं। वे आदिवासी लोगों के बीच रहते हैं, उनके कल्याण के लिए काम करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "उन्होंने दूरदराज के आदिवासी इलाकों में 70,000 से ज्यादा एक शिक्षक वाले स्कूल स्थापित किए हैं। अमेरिका में भी कुछ लोग हैं जो इस काम के लिए अपना समर्थन दिखाते हैं और लगभग 10 या 15 डॉलर का दान देते हैं। और वे कहते हैं कि इस महीने कोका-कोला न पिएं। उस पैसे को एक शिक्षक वाले स्कूल को दान कर दें।"

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सदस्यता के आकार के मामले में भारतीय मजदूर संघ है। उन्होंने कहा, "देश भर में इसके लगभग 50,000 संघ हैं। इसके लाखों सदस्य हैं। शायद पैमाने के मामले में दुनिया में इससे बड़ा कोई मजदूर संघ नहीं है।"

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Mar 16, 2025 8:30 PM

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