PM Modi Podcast with Lex Fridman: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (16 मार्च) को AI रिसर्चर और प्रसिद्ध अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक दुर्लभ इंटरव्यू में 2002 के गुजरात दंगों के बारे में खुलकर बात की। फ्रिडमैन ने स्वीकार किया कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दो बार पीएम मोदी को हिंसा में किसी भी तरह की संलिप्तता से मुक्त कर दिया था। लेकिन उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी उस अवधि को कैसे देखते हैं। 2002 के दंगों के बारे में बात करते हुए कहा पीएम मोदी ने कहा कि 27 फरवरी 2002 को मेरी सरकार बजट पेश करने वाली थी, तभी हमें गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली।
पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत गंभीर घटना थी। लोगों को जिंदा जला दिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप कल्पना कर सकते हैं कि पिछली सभी घटनाओं के बाद स्थिति कैसी रही होगी। 2002 से पहले, राज्य में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे। एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं आपको उस समय से पहले के 12 से 15 महीनों की स्पष्ट तस्वीर दिखाना चाहता हूं। ताकि आप उस समय के माहौल को पूरी तरह से समझ सकें।"
उन्होंने इंटरव्यू में कहा, "इससे पहले कि आप 2002 के दंगों के बारे में बात करें, मैं आपको स्थिति का उचित अंदाजा देने के लिए पिछले वर्षों की एक तस्वीर पेश करना चाहूंगा। 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली जाने वाले विमान को हाईजैक कर लिया गया और कंधार ले जाया गया।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "2000 में दिल्ली में लाल किले पर आतंकी हमला हुआ। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के ट्विन टावर्स पर आतंकी हमला हुआ। अक्टूबर 2001 में, जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर आतंकी हमला हुआ। 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हमला हुआ। ये वैश्विक स्तर के आतंकवादी हमले थे, जिन्होंने वैश्विक अस्थिरता की चिंगारी सुलगाई। इन सबके बीच, 7 अक्टूबर 2001 को मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री बनना था। 24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार विधायक बना। 27 फरवरी को मेरी सरकार बजट पेश करने वाली थी, तभी हमें गोधरा ट्रेन हादसे की सूचना मिली।"
'2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे'
उन्होंने पॉडकास्ट में आगे कहा, "यह बहुत गंभीर घटना थी। लोगों को जिंदा जला दिया गया था। आप कल्पना कर सकते हैं कि पिछली सभी घटनाओं के बाद स्थिति कैसी रही होगी। 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे। 1969 के दंगे 6 महीने तक चले थे। उस समय विपक्ष सत्ता में था, और उन्होंने हमारे खिलाफ इन झूठे मामलों में हमें सजा दिलाने की पूरी कोशिश की। उनके प्रयासों के बावजूद, न्यायपालिका ने पूरे घटनाक्रम का विस्तार से विश्लेषण किया। आरोपियों को सजा मिल चुकी है। 2002 से पहले गुजरात में लगातार दंगे होते रहे, लेकिन 2002 के बाद कोई बड़ी घटना नहीं हुई।"
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार वोट बैंक की राजनीति नहीं करती बल्कि "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" के सिद्धांत पर चलती है। उन्होंने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि दंगों के बाद लोगों ने उनकी छवि खराब करने की कोशिश की। लेकिन आखिरकार न्याय की जीत हुई और अदालतों ने उन्हें निर्दोष करार दिया।