Credit Cards

रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रहे पांच साल, अब अगले 25 साल में देश को विकसित बनाने का जज्बा, लोकसभा में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, महिला आरक्षण कानून बनाने, तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने, दंड संहिता की जगह नयी न्याय संहिता लाने समेत कई विधेयकों के पारित होने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस कार्यकाल में परिवर्तनकारी सुधार हुए, इनमें 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव नजर आती है

अपडेटेड Feb 10, 2024 पर 8:43 PM
Story continues below Advertisement
संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को कहा कि 17वीं लोकसभा (Lok Sabha) के पांच साल ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ वाले रहे और आज देश का यह संकल्प बन चुका है कि आने वाले 25 साल में वह विकसित भारत बनाने के इच्छा वाले नतीजे हासिल करके रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देशवासियों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जज्बा पैदा हुआ है। बजट सत्र और मौजूदा लोकसभा की आखिरी बैठक के अंतिम दिन सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘आने वाले 25 साल देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। राजनीतिक गहमा-गहमी अपनी जगह है, राजनीतिक आकांक्षा और अपेक्षा अपनी जगह हैं। लेकिन देश का संकल्प बन चुका है कि अगले 25 साल में वह इच्छित परिणाम हासिल करके रहेगा।’’

उन्होंने 17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र में 97 प्रतिशत वर्क प्रोडक्टिविटी रहने का जिक्र करते हुए कहा कि अगली लोकसभा में कामकाज की 100 प्रतिशत प्रोडक्टिविटी का संकल्प लेना चाहिए। मोदी ने कहा कि ये पांच वर्ष देश में ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के थे। उन्होंने कहा कि अपनी आंखों के सामने ही ‘ट्रांसफॉर्म’ होते देखना दुर्लभ होता है।

प्रधानमंत्री ने 17वीं लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, महिला आरक्षण कानून बनाने, तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने, दंड संहिता की जगह नयी न्याय संहिता लाने समेत कई विधेयकों के पारित होने का जिक्र किया।


मोदी ने कहा, ‘‘सदन ने अनुच्छेद 370 हटाया जिससे संविधान का पूर्ण रूप से प्रकटीकरण हुआ...संविधान निर्माताओं की आत्मा हमें जरूर आशीर्वाद दे रही होगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस कार्यकाल में परिवर्तनकारी सुधार हुए, इनमें 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव नजर आती है।’’

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को समाजिक न्याय से वर्षों तक वंचित रख गया था, आज वहां तक सामाजिक न्याय पहुंचाकर हमें संतोष है।

मोदी का कहना था कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान देश के हर राज्य ने भारत के सामर्थ्य और अपने प्रदेश की खूबी विश्व के सामने रखी जिसका असर आज भी है और ‘पी-20’ के माध्यम से भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया।

उन्होंने संसद के नए भवन के निर्माण का श्रेय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को देते हुए कहा कि उनकी पहल से ही यह संभव हुआ है।

'आक्रोश और आरोप के पल भी आए'

मोदी ने लोकसभा के संचालन के लिए अध्यक्ष बिरला का आभार जताते हुए कहा कि वह हमेशा मुस्कराते हुए काम करते रहे और अनेक विपरीत परिस्थितियों में संतुलित और सच्चे अर्थों में निष्पक्ष भाव से सदन का नेतृत्व किया।

उन्होंने कहा, ‘‘आक्रोश के पल भी आए, आरोप के पल भी आए। लेकिन आपने पूरे धैर्य के साथ इन सभी चीजों को संभालते हुए सूझ-बूझ के साथ सदन का संचालन किया और हम सबका मार्गदर्शन किया। इसके लिए हम सभी आपके आभारी हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के चुनौतीपूर्ण दौर में भी लोकसभा अध्यक्ष ने देश के काम को रुकने नहीं दिया और सदन की गरिमा को भी बनाकर रखा।

उन्होंने संसद सदस्यों की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि कोविड के कालखंड में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने के प्रस्ताव को एक पल के बिलंब के बिना सभी सदस्यों ने स्वीकार किया।

मोदी ने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, देशवासियों को सकारात्मक संदेश देने के लिए, अपने आचरण से समाज को विश्वास देने के लिए सांसदों ने अपने वेतन में 30 प्रतिशत कटौती का निर्णय भी स्वयं लिया। देश को विश्वास हुआ कि ये सबसे पहले छोड़ने वाले लोग हैं।’’

उन्होंने संसद की कैंटीन में सब्सिडी समाप्त होने, महापुरुषों की जयंती पर देशभर में बच्चों के बीच निबंध और भाषण प्रतियोगिता आयोजित कराने, संसद पुस्तकालय के दरवाजे आम लोगों के लिए खोलने, पेपरलेस कामकाज करने, डिजिटलीकरण जैसी पहल गिनाते हुए भी अध्यक्ष बिरला की तारीफ की।

उन्होंने कहा, ‘‘संसद के नये भवन में विरासत को हमेशा जीवंत रखने वाला सेंगोल स्थापित किया गया है। यह भारत की आने वाली पीढ़ियों को आजादी के प्रथम पल के साथ जोड़कर रखेगा। इससे देश को आगे ले जाने की प्रेरणा भी बनी रहेगी।’’

30 विधेयक पारित करने का अपना रिकॉर्ड

मोदी ने कहा कि 17वीं लोकसभा के पहले ही सत्र में दोनों सदनों में 30 विधेयक पारित हुए थे, यह अपने आप में रिकॉर्ड है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम संतोष से कह सकते हैं कि हमारी अनेक पीढ़ियां जिन बातों का इंतजार करती थीं, ऐसे बहुत से काम इस 17वीं लोकसभा के माध्यम से पूरे हुए। पीढ़ियों का इंतजार खत्म हुआ।’’

मोदी ने कहा कि आतंकवाद नासूर बन गया था और देश के नौजवान आतंकवाद की बलि चढ़ जाते थे, ऐसे में सरकार ने आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कानून बनाए।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पक्का विश्वास है कि जो लोग ऐसी समस्याओं से जूझते हैं, उन्हें बल मिला है, मनोबल बढ़ा है। पूर्ण रूप से आतंकवाद की मुक्ति का एहसास हो रहा है और यह सपना सिद्ध होकर रहेगा।’’

मोदी ने कहा, ‘‘यह युवा शक्ति के लिए महत्वपूर्ण कालखंड है। हर किसी का सपना विकसित भारत का है। ऐसा कोई नहीं है जो विकसित भारत को नहीं देखना चाहता। सभी को इसके लिए जुड़ना होगा। जो नहीं जुड़ेंगे वो भी इसका फल तो खाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्ष में युवाओं के लिए प्रश्नपत्र लीक के खिलाफ विधेयक पारित करने समेत ऐतिहासिक कानून बने।

मोदी ने कहा कि जल, थल, नभ के बाद अब देश समुद्री, अंतरिक्ष और साइबर क्षेत्र में सामर्थ्य पैदा करते हुए नकारात्मक चुनौतियों से निपट रहा है।

‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’

उन्होंने कहा कि वह लाल किले से भी इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि ‘‘जब वह ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ की बात करते हैं तो उसका अर्थ है कि लोगों की जिदगी में से जितना सरकार निकल जाए, उतना अच्छा है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हर जगह सरकार टांग क्यों अड़ाए। हां, यदि लोग अभाव में हैं तो सरकार उनके साथ हर समय मौजूद रहे। लेकिन लोगों के रोजमर्रा के जीवन में सरकार की उपस्थिति कम से कम हो। इस सपने को पूरा करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि इस संसद ने देश के ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए भी कदम उठाया और अब तक करीब 16-17 हजार ट्रांसजेंडर को पहचान पत्र दिए गए हैं।

मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और भारत की यात्रा अनंत है और देश का एक उद्देश्य, एक लक्ष्य है जो महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद ने भी देखा था।

उन्होंने कहा कि दुनिया भारत के सामर्थ्य और महात्म्य को स्वीकारने लगी है और हमें इस यात्रा को और आगे बढ़ाना है।

मोदी ने कहा कि चुनाव बहुत दूर नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोगों को चुनाव का नाम सुनकर घबराहट रहती होगी। लेकिन यह सहज और आवश्यक पहलू है। हम इसे गर्व से स्वीकार करते हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे चुनाव देश की शान बढ़ाने वाले, लोकतंत्र की परंपरा को रखने वाले और विश्व को अचंभित करने वाले रहेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बुरे दिन कितने ही क्यों न रहें, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ न कुछ अच्छा करते रहेंगे, सदन प्रेरणा देता रहेगा और सरकार सामूहिक शक्ति से काम करती रहेगी।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।