कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मानहानि के एक मामले में पेश होने के लिए मंगलवार को सुल्तानपुर जिले की सांसद-विधायक अदालत में पहुंचे। उन्हें मानहानि से जुड़े एक मामले में सुल्तानपुर की अदालत ने तलब किया था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता विजय मिश्रा ने राहुल गांधी के खिलाफ 4 अगस्त 2018 को मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि 8 मई 2018 को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बेंगलुरु में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हत्या का 'अभियुक्त' बताया था।
पेशी के बाद मानहानि मामले में कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी है। उन्हें 25-25 हजार की सिक्योरिटी और 25,000 रुपये के बेल बॉन्ड पर जमानत मिली है। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के स्थानीय कोर्ट में पेश हुए राहुल गांधी ने अदालत से कहा कि वे इस मामले में निर्देष हैं। कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र अमेठी में सोमवार को रात्रि प्रवास के अगले ही दिन राहुल गांधी सुल्तानपुर की सांसद-विधायक अदालत पहुंचे।
राहुल गांधी को जिला कोर्ट से जमानत मिलने पर वकील संतोष पांडे ने कहा, "उन्होंने (राहुल गांधी) आज कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उन्होंने सरेंडर किया और कोर्ट ने उन्हें 30-45 मिनट के लिए हिरासत में ले लिया। इसके बाद उनके जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया था और (अदालत द्वारा) स्वीकार कर लिया गया था। आगे की तारीख अभी नहीं दी गई है। उनके वकील ने कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्होंने कोई मानहानिकारक बयान नहीं दिया है।"
इसके पहले पत्रकारों से बातचीत में मंगलवार को बीजेपी नेता विजय मिश्रा ने कहा, "राहुल गांधी ने अमित शाह को 'हत्यारा' कहा था, तमाम अपशब्द कहे थे, उसे लेकर हमने एक परिवाद दाखिल किया था।"
उन्होंने कहा, "BJP देश की सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को हत्यारा कहा जाएगा, यह अनुचित है। इस पर हमें काफी ठेस पहुंचा जिसके बाद हमारे कार्यकर्ताओं ने दबाव बनाया और हमने परिवाद दाखिल की।"
मिश्रा ने कहा, "न्यायालय ने कई बार उनको समन जारी किया। उन्होंने उसकी अनदेखी की और आज वह उसी मामले में संभवत: अदालत में पहुंच रहे हैं।"