Rahul Gandhi Sikh Remark Row: 'सरकार की आलोचना करें, लेकिन देश की नहीं': उपराष्ट्रपति धनखड़ का राहुल गांधी पर हमला

Rahul Gandhi Sikh Remark Row: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार (12 सितंबर) को भारत में सिख समुदाय पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। धनखड़ की यह टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सिख समुदाय पर दिए गए बयान के बाद आई है, जिससे भारत में राजनीतिक घमासान छिड़ गया है

अपडेटेड Sep 12, 2024 पर 6:19 PM
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Rahul Gandhi Sikh Remark Row: उपराष्ट्रपति ने गुरुवार (12 सितंबर) को राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों को 'निंदनीय और असहनीय' करार दिया

Rahul Gandhi Sikh Remark Row: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर तीखा हमला करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार (12 सितंबर) को कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का राष्ट्र के दुश्मनों में शामिल हो जाने से अधिक निंदनीय और असहनीय कुछ नहीं है। उन्होंने यही भी कहा कि हर विदेश यात्रा का यही तात्पर्य हो जाता है कि किस तरीके से भारत को बदनाम किया जाए और भारत की छवि को धूमिल किया जाए। उपराष्ट्रपति धनखड़ की यह टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सिख समुदाय पर दिए गए बयान के बाद आई है, जिससे भारत में राजनीतिक घमासान छिड़ गया है।

धनखड़ की यह टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधने के एक दिन बाद आई है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने इस हमले की अगुआई करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता की आदत बन गई है कि वे देश को बांटने की साजिश करने वाली ताकतों के साथ खड़े होते हैं। कांग्रेस सांसद ने अन्य बातों के अलावा भारत में आरक्षण और धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में बात की थी।

धनखड़ ने राज्यसभा इंटर्नशिप कार्यक्रम के तीसरे बैच के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वह इस बात से बहुत दुखी और परेशान हैं कि पद पर बैठे कुछ लोगों को राष्ट्रीय हित की कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण में किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा, "अगर हम सच्चे भारतीय हैं तो हम देश के दुश्मनों का पक्ष कभी नहीं लेंगे।"


उपराष्ट्रपति ने कहा, "मैं इस बात से दुखी और परेशान हूं कि कुछ लोग जो पद पर हैं, उन्हें भारत के बारे में कुछ भी पता नहीं है। उन्हें हमारे संविधान के बारे में कुछ भी पता नहीं है, उन्हें हमारे राष्ट्रीय हित के बारे में कुछ भी पता नहीं है... मुझे यकीन है कि आप जो देख रहे हैं, उसे देखकर आपका दिल दुख रहा होगा।"

'हम अपने राष्ट्रवाद का मजाक नहीं उड़ा सकते'

VP धनखड़ ने कहा कि लोगों ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा, "माताओं ने अपने बेटे न्योछावर कर दिए, पत्नियों ने अपने पति न्योछावर कर दिए। हम अपने राष्ट्रवाद का मजाक नहीं उड़ा सकते।"

राज्यसभा के सभापति ने कहा कि देश के बाहर प्रत्येक भारतीय देश का राजदूत होता है। उन्होंने कहा, "यह कितना दुखद है कि संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति इसके ठीक उलट काम कर रहा है। इससे अधिक निंदनीय, घृणित और असहनीय कुछ नहीं हो सकता कि आप देश के दुश्मनों का हिस्सा बन जाएं।"

धनखड़ की राय थी कि ऐसे लोग स्वतंत्रता का मूल्य नहीं समझते और उन्हें देश की 5,000 साल पुरानी सभ्यता की भी समझ नहीं है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि संविधान पवित्र है और इसे इसके संस्थापकों द्वारा तीन वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया।

धनखड़ ने कहा कि संविधान सभा के सदस्यों की बैठक में कोई अवरोध नहीं हुआ, कोई नारेबाजी नहीं हुई और कोई पोस्टर नहीं लहराए गए। उन्होंने कहा, "और अब, कुछ लोग हमारे देश को बांटना चाहते हैं। यह अज्ञानता की पराकाष्ठा है।"

'देश की अस्मिता के ऊपर नहीं सवाल नहीं'

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जारी एक बयान के मुताबिक उपराष्ट्रपति ने कहा, "हम किसी भी तरीके से राष्ट्रवाद के प्रति समर्पण को कम नहीं होने देंगे। हमारा संकल्प है कि राष्ट्रवाद सर्वोपरि है, खुद से और परिवार से ऊपर है, राजनीति से भी ऊपर है! मेरा इससे कोई सरोकार नहीं है कि राजनीतिक दल कैसी राजनीति करें, बस वे जो करें वो कानून और संविधान के दायरे में करें। सरकार की आलोचना करें, पर देश के ऊपर, देश की अस्मिता के ऊपर नहीं! पराकाष्ठा देखिए यह दुश्मनों के साथ मिलकर हुई। हर विदेश यात्रा का यही तात्पर्य हो जाता है कि किस तरीके से भारत को बदनाम किया जाए और भारत की छवि को धूमिल किया जाए।"

'सिख' समुदाय से जुड़ी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी समर्थित सिख प्रकोष्ठ ने बुधवार (11 सितंबर) को सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने जनपथ रोड पर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की। यह प्रदर्शन राहुल गांधी द्वारा भारत में 'धार्मिक स्वतंत्रता' पर टिप्पणी करने के बाद हुआ। सिख प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे कांग्रेस शासन के मुकाबले मोदी सरकार में अधिक सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगें।

क्या था राहुल गांधी का बयान?

चार दिवसीय अमेरिकी दौरे के दौरान राहुल गांधी ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर बोलते हुए कहा था कि देश में उन ताकतों के बीच लड़ाई चल रही है जो भारत की बहुलवादी संस्कृति को मान्यता नहीं देती हैं। दौरे के दौरान राहुल गांधी ने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी और वर्जीनिया के उपनगर हर्नडॉन सहित कई अन्य जगहों पर आयोजित कार्यक्रमों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता, भारत में लोकतंत्र, आरक्षण तथा चुनाव सहित कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी के साथ लड़ाई को वैचारिक विभाजन के रूप में देखती है। जैसे कि "क्या एक सिख को पगड़ी या कड़ा पहनने की अनुमति है? या वह एक सिख के रूप में गुरुद्वारा जा सकेगा। यही लड़ाई है। और सिर्फ उसके लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है...।" BJP ने गांधी की टिप्पणियों पर फौरन पलटवार किया। भगवा पार्टी ने विपक्ष के नेता पर अमेरिका में प्रवासी समुदाय के बीच "खतरनाक नैरेटिव" स्थापित करने का आरोप लगाया। बीजेपी के नेता उनकी टिप्पणियों को भारत विरोधी बता रहे हैं।

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