Sam Pitroda China Remark Row: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपने बयान से एक बार फिर से कांग्रेस को मुसीबत में डाल दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने सोमवार (17 फरवरी) को कहा कि भारत-चीन विवाद को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का रुख शुरू से ही टकराव वाला रहा है। सैम पित्रोदा ने कहा कि चीन हमारा दुश्मन नहीं है। उन्होंने दावा किया कि भारत के लिए चीन के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि भारत को चीन को दुश्मन मानना बंद करना चाहिए।
सैम पित्रोदा ने एक विशेष इंटरव्यू में न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा, "मैं चीन से खतरे को नहीं समझता। मुझे लगता है कि इस मुद्दे को अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है क्योंकि अमेरिका की प्रवृत्ति दुश्मन को परिभाषित करने की है। मेरा मानना है कि सभी देशों के लिए सहयोग करने का समय आ गया है, टकराव का नहीं।" उनका जवाब इस सवाल पर आया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से खतरों को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे।
उन्होंने IANS के साथ बातचीत में इंटरव्यू में आगे कहा, "हमारा दृष्टिकोण शुरू से ही टकराव वाला रहा है। यह रवैया दुश्मन पैदा करता है, जो बदले में देश के भीतर समर्थन हासिल करता है। हमें इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है और यह मानना बंद करना होगा कि चीन पहले दिन से ही दुश्मन है। यह न केवल चीन के लिए, बल्कि सभी के लिए अनुचित है।"
सैम पित्रोदा के इस बयान पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बीजेपी ने कांग्रेस को चीन के प्रति आकर्षित करार दिया है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो कुछ कांग्रेस और उनके Ideological थिंक टैंक कहे जाने वाले लोग समय-समय पर कहते आ रहे हैं, वो चीजे अब पूरी तरह से जनता के सामने आती जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रेसिडेंट सैम पित्रोदा ने चीन को लेकर आज जिस प्रकार का बयान दिया है, उससे यह बात बहुत साफ हो गई है कि कांग्रेस पार्टी के चीन के साथ हुए करार का इजहार वो दिनदहाड़े कर रहे हैं।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "गंभीर बात ये है कि जिस प्रकार की बात सैम पित्रोदा ने कही है, वो भारत की अस्मिता, कूटनीति और भारत की संप्रभुता पर बहुत गहरा आघात है। उन्होंने कहा है कि चीन के साथ तो किसी प्रकार का विवाद ही नहीं है, यानी भारत ही आक्रामक मुद्रा लिए हुए है। इसी भाव और इसी विचार के अनेक स्टेटमेंट राहुल गांधी भी पहले दे चुके हैं।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से यह दर्शा दिया है कि वो चीन के साथ हुए अपने करार के प्यार में और राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन की एंबेसी से मिले हुए लोन के दबाव में बोल रहे हैं। इसके लिए उन्हें सीधे-सीधे सफाई देनी चाहिए।"
वहीं, मीडिया से बात करते हुए बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और जॉर्ज सोरोस चीन के एजेंट के रूप में काम करते हैं। 2008 का गुप्त एमओयू, जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच हुआ था, वह गुप्त (समझौता ज्ञापन) एमओयू अभी तक कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित नहीं किया गया है।"
भंडारी ने आगे कहा कि डोकलाम के समय राहुल गांधी चीन के राजदूत से गुप्त रूप से मिल रहे थे। सैम पित्रोदा के बयान से स्पष्ट होता है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के मन में चीन के लिए नरम रुख है। बता दें कि सैम पित्रोदा का विवादों से पुराना नाता रहा है।