पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग को खत्म करने की मांग की। साल 2015 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार इसकी स्थापिना की थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचवर्षीय योजनाएं तैयार करने वाली संस्था 'योजना आयोग' को फिर से वापस लाया जाए। ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में NITI आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचीं। उन्होंने कहा, “इस नीति आयोग को बंद करें। यह बैठकें बुलाने के अलावा कुछ नहीं करता। योजना आयोग को वापस लाओ।"
जब उनसे पूछा गया कि वो अपने कुछ गठबंधन साथियों के उलट NITI आयोग की बैठक में क्यों भाग ले रही हैं, जबकि उन्होंने बहिष्कार का फैसला किया है, इस पर ममता ने कहा, "आने की कोई जरूरत नहीं है और उनके बजट के कारण मैंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया था। लेकिन अभिषेक और दूसरे लोगों ने मुझे मना लिया और मैंने हेमंत से भी बात की, जो आ रहे हैं।"
उन्होंने उत्तर बंगाल पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के बयान का जिक्र करते हुए कहा, समस्या समन्वय की है। हर राज्य की अपनी प्राथमिकताएं होती हैं, लेकिन मैं संघवाद में विश्वास करती हूं। BJP देश को तोड़ना चाहती है। उनके नेता बांटने की बात कर रहे हैं।"
मजूमदार ने बुधवार को पीएम मोदी को प्रस्ताव दिया था कि उत्तरी पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ समानता के कारण, क्षेत्र में अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए ज्यादा डेवलपमेंट फंड की सुविधा के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) के तहत शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा, "अगर BJP लोगों के फैसले को नहीं सुनती है, तो यह उनकी पसंद है। विपक्ष शासित सभी राज्य वंचित हैं। आप अपने दोस्तों को स्पेशल पैकेज दे सकते हैं, लेकिन दूसरों को वंचित नहीं कर सकते।"