सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की एक जांच को खारिज कर दी। कांग्रेस नेता शिवकुमार ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने मनी लॉन्ड्रिंग के एक कथित मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन को रद्द करने से इनकार कर दिया था। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की एक पीठ ने शिवकुमार को राहत दी।
यह मामला अगस्त 2017 का है, जब आयकर विभाग ने शिवकुमार, उनके कथित व्यापारिक सहयोगी और शराब व्यापारी सचिन नारायण, लक्जरी बसों का बेड़ा चलाने वाले एक अन्य सहयोगी सुनील कुमार शर्मा, कर्नाटक भवन (दिल्ली) के कर्मचारी ए हनुमंथैया और राज्य सरकार के पूर्व कर्मचारी राजेंद्र एन. के खिलाफ कथित टैक्स चोरी की अपनी जांच के तहत दिल्ली में कई परिसरों में छापेमारी की थी।
8.59 करोड़ रुपये से अधिक जब्त
छापेमारी के दौरान विभाग ने 8.59 करोड़ रुपये से अधिक जब्त किए थे, जिनमें से करीब 41 लाख रुपये को शिवकुमार और करीब 7.58 लाख रुपये को शर्मा की कर देनदारी के रूप में समायोजित किया गया है। उन्होंने इस राशि को क्रमशः अपनी कृषि आय और व्यावसायिक आय के तौर पर दिखाया था।
बाद में आयकर विभाग ने सभी आरोपियों के खिलाफ टैक्स चोरी के आरोप में बेंगलुरु की एक अदालत के समक्ष चार्जशीट दायर किया। इसके बाद जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2018 में इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया।
कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार को 23 अक्टूबर, 2019 को दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इस शर्त के साथ जमानत दी थी कि वह अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे।