Sushil Kumar Shinde: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने 2012 में कश्मीर घाटी की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान वह श्रीनगर में प्रतिष्ठित लाल चौक पर जाने से डरते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि इससे उन्हें काफी प्रचार मिला। लोगों को लगा कि वह बिना किसी डर के घूम रहे हैं, लेकिन वह पूरे समय डरे हुए थे। शिंदे को शिक्षाविद विजय धर ने सलाह दी थी कि वह कश्मीर में ज्यादा इधर-उधर न घूमें। बल्कि वह श्रीनगर में लाल चौक और डल झील पर जाएं।
शिंदे को उन्होंने सलाह दी थी कि वह दोनों जगह जाकर लोगों से बातचीत करें। कांग्रेस नेता ने अपनी जीवन पर आधारित किताब 'द फाइव डिकेड्स इन पॉलिटिक्स (Five Decades in Politics)' के लॉन्चिंग पर यह मजेदार किस्सा सुनाया। इस दौरान कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, "गृह मंत्री बनने से पहले, मैं उनसे (educationist Vijay Dhar) मिलने गया था। मैं उनसे सलाह मांगता था। जब मैं होम मिनिस्टर था तो उन्होंने मुझे सलाह दी की तुम इधर-उधर मत भटको, बल्कि लाल चौक (श्रीनगर में) जाओ और वहां जाकर भाषण करो। लोगों से मिलो... डल झील की सैर करो। ऐसा करोगे तो लोगों को लगेगा कि ये कितना अच्छा गृहमंत्री है जो बिना डरे कश्मीर जाता है। इससे लोकप्रियता मिलेगी। लेकिन सच कहूं तो मेरी फ$% (fat'ti) थी वो किसको बताऊं? मैंने आपको यह सिर्फ हंसाने के लिए कहा था, लेकिन एक पूर्व पुलिसकर्मी इस तरह नहीं बोल सकता...।"
शिंदे को 2012 में तत्कालीन मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री नियुक्त किया गया था। उनके कार्यकाल में 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी अजमल कसाब और 2001 संसद हमले के आरोपी आतंकी अफजल गुरु के साथ-साथ 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले के मुकदमे और फांसी की सजा भी हुई।
2012 में कश्मीर की अपनी यात्रा के दौरान उनके साथ तत्कालीन राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी थे। वे श्रीनगर में कई जगहों पर रुके थे, जिसमें खरीदारी के लिए लाल चौक और एक आर्ट शोरूम के साथ-साथ घंटाघर भी शामिल है। साल 2003 से 2004 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहने के अलावा शिंदे ने देश के कुछ सर्वोच्च पदों पर भी काम किया है। वह 2004 से 2006 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल और 2012 से 2014 तक केंद्रीय गृह मंत्री भी रह चुके हैं।
शिंदे 2002 में UPA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भी थे। पार्टी में उन्होंने महासचिव के रूप में भी काम किया। किताब के विमोचन के अवसर पर मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके सकारात्मक व्यवहार की तारीफ करते हुए कहा कि वे अपने चेहरे पर हमेशा मुस्कान के साथ अपना काम करते हैं। उन्होंने कहा कि शिंदे का यह गुण आज के समय में दुर्लभ है।