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Bibhav Kumar: केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को SC ने दी जमानत, स्वाति मालीवाल से मारपीट का है आरोप

Swati Maliwal Assault Case: आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित मारपीट के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 500 पन्नों का चार्जशीट दाखिल कर दिया है

अपडेटेड Sep 02, 2024 पर 4:37 PM
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Swati Maliwal Assault Case: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था

Swati Maliwal Assault Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (2 सितंबर) को आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर हमले और बदसलूकी के मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी बिभव कुमार को जमानत दे दी। बिभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास में स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि कुमार जमानत के दौरान सीएम आवास या मुख्यमंत्री के दफ्तर नहीं जाएंगे।

बिभव कुमार (Bibhav Kumar) को राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट करने के आरोप में 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान जस्टिस भुइयां ने कहा कि बिभव कुमार 100 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं। मामले में चार्जशीट भी दाखिल किया जा चुका है।

जस्टिस उज्जल भुइयां ने कहा, "(मालीवाल को) चोटें आना सामान्य बात है। यह जमानत का मामला है। आपको इसका विरोध नहीं करना चाहिए। आप ऐसे मामले में किसी व्यक्ति को जेल में नहीं रख सकते।"


दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, "कुछ महत्वपूर्ण गवाह हैं, जो उनके (बिभव) प्रभाव में हैं। उनसे पूछताछ की जाए। तब मैं विरोध नहीं करूंगा।" जस्टिस भुइयां ने इसके जवाब दिया, "इस तरह से हम किसी भी व्यक्ति को जमानत नहीं दे सकते।" उन्होंने कहा कि यह आशंका "दूर की कौड़ी" है।

इन शर्तों पर मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को "महत्वपूर्ण और कमजोर गवाहों की जांच तीन महीने के भीतर पूरी करने का प्रयास करना चाहिए।" कुमार को इस शर्त पर जमानत दी गई है कि उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री के निजी सचिव या सीएम कार्यालय से जुड़े राजनीतिक पद पर बहाल नहीं किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि जब तक सभी गवाहों की जांच नहीं हो जाती, तब तक कुमार मुख्यमंत्री आवास में एंट्री नहीं करेंगे।

बिभव कुमार के खिलाफ दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 (B) (महिला के कपड़े उतारने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?

केजरीवाल के निजी सहायक कुमार ने 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर मालीवाल पर कथित तौर पर हमला किया था। दिल्ली महिला आयोग (DCW) की पूर्व प्रमुख स्वाति मालीवाल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था, "बिभव कुमार ने बिना उकसावे के मुझे 7-8 बार थप्पड़ मारे। मेरे पेट पर लात मारी गई।" दिल्ली के सिविल लाइन्स पुलिस थाना में इस मामले में 16 मई को FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद आरोपी बिभव कुमार की गिरफ्तारी 18 मई को हुई थी। उन्हें उसी दिन मजिस्ट्रेट अदालत ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी बिभव कुमार को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह काफी प्रभावशाली हैं। जज ने कहा था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने से गवाह प्रभावित हो सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है।

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बिभव कुमार के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 500 पन्नों का चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल की अदालत में 16 जुलाई को दाखिल किया गया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।

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