Delhi liquor policy case: दिल्ली शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के कम्युनिकेशन इंचार्ज रहे विजय नायर को भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर को सोमवार (2 सितंबर) को जमानत दे दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि स्वतंत्रता 'अनुल्लंघनीय' होती है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उल्लेखित 'जमानत नियम है, जेल अपवाद है' के कानूनी सिद्धांत को मानते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि मुकदमे से पूर्व जेल में बंद करना सजा नहीं हो सकती।
जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि नायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले 22 महीने से जेल में हैं जहां अधिकतम सजा सात साल की है। पीठ ने 12 अगस्त को नायर की जमानत अर्जी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा था। नायर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा शहर की 2021 की आबकारी नीति की जांच की सिफारिश करने के बाद दर्ज की गई।
ED ने 13 नवंबर, 2022 को नायर को गिरफ्तार किया था। इससे पहले सीबीआई ने उन्हें सितंबर 2022 में अरेस्ट किया था। नायर ने निचली अदालत के 29 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उनकी स्वाभाविक जमानत की याचिका को खारिज कर दिया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल तीन जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नायर और अन्य सह-आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक FIR से उपजा है। यह अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के मामले में उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा की गई जांच की सिफारिश के बाद दर्ज की गई थी। विजय नायर को सीबीआई वाले मामले में निचली अदालत से जमानत मिल गई थी।
यह फैसला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के कविता सहित मामले में अन्य हाई-प्रोफाइल आरोपियों को जमानत देने के समान निर्णयों के बाद आया है। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया के मामले में अपने पहले के फैसले का हवाला देते हुए संविधान के आर्टिकल 21 के तहत आरोपी के त्वरित सुनवाई के अधिकार को दोहराया। इस मामले में अभी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।