Bibhav Kumar Bail: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने से आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल आहत हैं। बेल मिलने के 10 घंटे बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक रहस्यमयी पोस्ट में स्वाति मालीवाल ने द्रौपदी के चीरहरण की तस्वीर शेयर की है। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख स्वाति मालीवाल पर हमले के मामले में बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (2 सितंबर) को जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुमार 100 दिनों से हिरासत में हैं और मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल की जा चुकी है। दिल्ली पुलिस ने कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया।
बिभव कुमार को जमानत मिलने के एक दिन बाद मंगलवार (3 सितंबर) को स्वाति मालीवाल को महाभारत का एक प्रसंग याद आ गया। स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महाभारत के जिस प्रसंग को शेयर किया है, उसमें द्रौपदी का चीरहरण दिखाया गया है। इसके जरिए स्वाति मालीवाल ने बिना कुछ कहे ये बता दिया है कि अब बिभव कुमार मामले पर महाभारत जैसा संग्राम वो लड़ने जा रही हैं।
बता दें कि द्रौपदी प्राचीन भारतीय महाकाव्य 'महाभारत' की मुख्य महिला पात्र हैं। वह पांच पांडव भाइयों युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव की पत्नी हैं। द्रौपदी के जीवन की सबसे दर्दनाक घटना हस्तिनापुर में पासा का खेल है जहां युधिष्ठिर ने अपनी सारी संपत्ति खो दी। फिर कौरव भाइयों और कर्ण ने उन्हें अपमानित किया। दुशासन ने उनका चीरहरण करने का प्रयास किया, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें बचा लिया।
केजरीवाल के निजी सहायक कुमार ने इसी साल मई में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मालीवाल पर कथित तौर पर हमला किया। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख स्वाति मालीवाल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि मेरे पेट पर लात मारी गई। उन्होंने कहा था कि बिभव कुमार ने बिना उकसावे के मुझे 7-8 बार थप्पड़ मारे। कुमार ने 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मालीवाल पर कथित तौर पर हमला किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने कथित हमले को 'क्रूर' बताते हुए शीर्ष अदालत से कुमार की जमानत याचिका खारिज करने का आग्रह किया था। कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई थी। इनमें आपराधिक धमकी, महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग तथा गैर इरादतन हत्या का प्रयास शामिल है।
कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट के 12 जुलाई के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि आरोपी काफी प्रभावशाली है। उन्हें राहत देने का कोई आधार नहीं बनता है। उसने कहा था कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत दी जाती है, तो गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।
वहीं, कुमार को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि अभियोजन पक्ष 51 से अधिक गवाहों से पूछताछ करने वाला है और मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में समय लगेगा। पीठ ने यह भी कहा कि चूंकि मामले में चार्जशीट पहले ही दाखिल किया जा चुका है, इसलिए कुमार की रिहाई से जांच पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।