तेलंगाना में सोमवार से शुरू हुए बजट सत्र के दौरान सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तीन विधायकों को निलंबित कर दिया गया। जिन विधायकों को निलंबित किया गया है उनमें टी राजा सिंह, एम रघुनंदन राव और इटेला राजेंदर शामिल हैं। उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) पार्टी के मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने पेश किया था। निलंबन के बाद तीनों विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए हैं।
तेलंगाना विधानसभा में बजट सत्र शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने बजट सत्र के अंत तक तीनों सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। बीजेपी के तीन विधायक बजट और सत्तारूढ़ टीआरएस पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करना चाहते थे, क्योंकि उन्होंने बजट सत्र की शुरुआत में प्रथागत राज्यपाल के भाषण को निर्धारित नहीं करने का फैसला किया था।
इससे पहले टीआरएस ने कहा था कि राज्यपाल के अभिभाषण की जरूरत नहीं है, क्योंकि बजट सत्र पिछले सत्र का सिलसिला है, जिसे बंद नहीं किया गया। हालांकि राज्यपाल कार्यालय के बयान में कहा गया है कि अगर विधानसभा का सत्र पांच महीने बाद होता है तो इसे नया सत्र माना जाएगा।
तेलंगाना में विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस ने इस फैसले की कड़ी निंदा की है और आरोप लगाया है कि टीआरएस सरकार राज्य के संवैधानिक संरक्षक के प्रति अपमानजनक रवैया दिखा रही है। तेलंगाना विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के बिना शुरू हुआ।
यह सत्र ऐसे समय शुरू हो रहा है जब मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव बीजेपी की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विभिन्न दलों को एक साथ लाने को लेकर प्रयासरत हैं। राज्य के वित्त मंत्री टी. हरीश राव आज 2022-23 का बजट पेश करेंगे। सत्र की अवधि का निर्णय सदन की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में किया जाएगा।
सत्र की शुरुआत से पहले, राज्यपाल के अभिभाषण के बिना बजट सत्र शुरू होने को लेकर एक विवाद छिड़ गया है। विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण की प्रथा को समाप्त करने के लिए टीआरएस सरकार की आलोचना की, लेकिन सरकार ने कहा कि अभिभाषण की व्यवस्था नहीं की जा सकी, क्योंकि बजट सत्र पिछले सत्र की निरंतरता में है जिसका सत्रावसान नहीं हुआ है।
राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने अभिभाषण निर्धारित नहीं होने पर शनिवार को निराशा जताई। उन्होंने एक बयान में कहा कि इस बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण को नहीं रखने से, सदस्य अब सरकार के पिछले वर्ष के प्रदर्शन पर चर्चा करने का अवसर खो देंगे।
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने रविवार को कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण नहीं होने के कारण लोगों को सरकार के प्रदर्शन को जानने का मौका नहीं मिलेगा और विपक्षी सदस्य सरकार के प्रदर्शन पर बहस नहीं कर पाएंगे।