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केशव मौर्य को भड़का रहे अखिलेश यादव! बोले- कोई बड़ी कुर्सी पर बैठना चाहता है, तो हमारे पास भी देने को बहुत कुछ

UP की सत्ता में कब कोई बदलाव होगा या नहीं होगा.. ये तो बाद की बात है लेकिन फिलहाल विपक्षी नेता और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव इस पूरे मामले को ज्यादा से ज्यादा भूनाने में जुटे हैं और साथ ही साथ मजे भी ले रहे हैं। अब उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए ये दावा कर दिया है कि बीजेपी का ये झगड़ा सिर्फ राज्य तक की सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली तक उठापटक चल रही है

अपडेटेड Jul 25, 2024 पर 2:43 PM
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केशव मौर्य को भड़का रहे अखिलेश यादव! बोले- कोई बड़ी कुर्सी पर बैठना चाहता है, तो हमारे पास भी देने को बहुत कुछ

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से उत्तर प्रदेश बीजेपी की अंदरूनी कलह सबके सामने खुल कर आ गई है। बड़ी बात ये है कि इस पूरे इश्यू के सेंट्रर में जो एक नाम है, वो है उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का, जो इन दिनों कई मौकों पर ये कह चुके हैं कि 'संगठन सरकार से बड़ा है।' जाहिर उनके इस तेवर पर विपक्ष भी कोई मौका क्यों ही छोड़ेगा। इसलिए अखिलेश यादव ने भी उन्हें दाने डालने की कोशिश शुरू कर दी और 'मानसून ऑफर' भी दे डाला। इस सब से कयास लगाए जाने लगे कि शायद UP के पावर सेंटर में कोई बड़ा फेरबदल देखनो को मिल सकता है।

UP की सत्ता में कब कोई बदलाव होगा या नहीं होगा.. ये तो बाद की बात है लेकिन फिलहाल विपक्षी नेता और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव इस पूरे मामले को ज्यादा से ज्यादा भूनाने में जुटे हैं और साथ ही साथ मजे भी ले रहे हैं। अब उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए ये दावा कर दिया है कि बीजेपी का ये झगड़ा सिर्फ राज्य तक की सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली तक उठापटक चल रही है।

दिल्ली तक चल रहा है झगड़ा: अखिलेश यादव


एक मीडिया हाउस ने अपनी रिपोर्ट में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के हवाले से कहा कि मैं राज्य सरकार में से किसी को तोड़ना नहीं चाहता। सुनने में आ रहा है कि अंदर झगड़ा चल रहा है, लेकिन झगड़ा अंदर ही नहीं, बल्कि दिल्ली तक चल रहा है।

उन्होंने अपने मानसून ऑफर को सही ठहराते हुए कहा, "अब ऐसे में विपक्ष लोग कुछ तो ऑफर करेंगे ही।" यादव ने केशव प्रसाद मौर्य का नाम लिए बगैर कहा, "अब कोई शख्स काफी समय से इस कोशिश में लगा हो कि वो बड़ी कुर्सी पर बैठ जाए, तो ऐसे में उसे कोई ऑफर या आश्वासन देना क्या गलत है?"

सामने वाले के पास लेने की हिम्मत नहीं

वहीं कन्नौज से सांसद बने अखिलेश से जब उनके मानसून ऑफर के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा "हमारे पास देने के लिए तो बहुत कुछ है, लेकिन सामने वाले के पास लेने की हिम्मत नहीं है।"

उन्होंने कहा, "हमारे बैठान से कोई कुर्सी पर थोड़ा बैठ जाएगा, वह खुद कितने ताकतवार हैं। हम बदलाव तो नहीं ला सकते, लेकिन कोई परिवर्तन के लिए तैयार होगा, तो उसका साथ जरूर देंगे।"

क्या है अखिलेश का मानसून ऑफर?

अखिलेश से पूछा गया कि आप किसी और भी मुख्यमंत्री बना सकते हैं, तो इस पर उन्होंने कहा कि सवाल मुख्यमंत्री का है ही नहीं।

दरअसल जब यूपी बीजेपी में मनमुटाव की खबरें चल रही थीं, तब 18 जुलाई को अखिलेश यादव ने अपने X हैंडल पर एक पोस्ट से मजमा लूट लिया। उन्होंने लिखा, "मानसून ऑफर: 100 लाओ, सरकार बनाओ" इस पोस्ट को अखिलेश यादव के केशव प्रसाद मौर्य के लिए इनडायरेक्ट ऑफर की तरह देखा जा रहा था।

अखिलेश ने केशव को बताया 'कमजोर'

हालांकि, आज तक को दिए एक इंटरव्यू में, अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद को "बहुत कमजोर आदमी" बताया था। उन्होंने कहा था, "उन्होंने मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था, उन्हें 100 विधायक मिलने चाहिए। उन्होंने एक बार दावा किया था कि उनके पास 100 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। उन्हें मिलना चाहिए, समाजवादी पार्टी उन्हें (मुख्यमंत्री के लिए) समर्थन देगी।" उन्होंने ये भी कहा कि UP BJP के पूर्व प्रमुख मौर्य अपमानित होने के बावजूद पार्टी के साथ हैं।

UP BJP में ये लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद शुरू हुआ। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बीजेपी नेताओं और गठबंधन सहयोगियों ने राज्य की 80 में से सिर्फ 33 सीटों पर जीतने के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके बाद से मौर्य ने भी अपने सुर ऊंचे कर लिए हैं।

एक्शन में केशव प्रसाद मौर्य

उनका दिल्ली में 48 घंटे के भीतर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करना, बार-बार ये दोहराना कि संगठन सरकार से बड़ा हैं और कई कैबिनेट बैठकों में शामिल न होना बताता है कि योगी और केशव प्रसाद मौर्य के बीच जो खाई थी, वो अब और भी गहरी हो गई है।

उधर CM योगी आदित्यनाथ ने भी राज्य की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने मंत्रियों की जो टीम बनाई है, उसमें दोनों डिप्टी सीएम- केशव प्रसाद मौर्य और ब्रिजेश पाठक में से किसी का नाम नहीं है।

विधायकों और बड़े नेताओं के साथ बैठक

ओबीसी नेता और लंबे समय से RSS कार्यकर्ता रहे केशव प्रसाद ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद योगी आदित्यनाथ के हाथों सीएम पद गंवाने के बाद से ही नाखुश रहे, लेकिन उन्होंने कभी इसे काफी छुपाने की कोशिश की।

अब आज कल वो लखनऊ में अपने "कैंप कार्यालय" में विधायकों और बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, जिनमें BJP के OBC सहयोगी जैसे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर भी शामिल हैं।

मौर्य की एक और OBC नेता, निषाद पार्टी के संजय निषाद के साथ भी मुलाकात हुई। ये मीटिंग ऐसे समय हुई, जब लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद संजय निषाद ने योगी सरकार के 'बुलडोजर एक्शन' पर सवाल उठाए थे।

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