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Ayodhya Ram Mandir: राम नगरी अयोध्या का हो रहा आर्थिक विकास, कोचिंग सेंटर के केंद्र से लेकर संपन्न शहर तक का सफर

Ayodhya Ram Mandir: पिछले चार सालों में, अयोध्या में रियल एस्टेट अर्थव्यवस्था ने जमीन की कीमतों में दस गुना उछाल ला दिया है, जो एक जबरदस्त पुनरुद्धार का संकेत है। उनका बदलाव केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि प्रतीकात्मक भी है, क्योंकि अयोध्या अभिशप्त मानी जाने वाली धारणा से हटकर आस्था और आर्थिक समृद्धि के संगम का प्रतीक बन गई है

Biswajeet Banerjeeअपडेटेड Jan 18, 2024 पर 4:17 PM
Ayodhya Ram Mandir: राम नगरी अयोध्या का हो रहा आर्थिक विकास, कोचिंग सेंटर के केंद्र से लेकर संपन्न शहर तक का सफर
Ayodhya Ram Mandir: राम नगरी अयोध्या का हो रहा आर्थिक विकास, कोचिंग सेंटर के केंद्र से लेकर संपन्न शहर तक का सफर

Ayodhya Ram Mandir: अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाने वाला शहर, अयोध्या (Ayodhya) में हाल ही में एक शानदार आर्थिक बदलाव आया है। अयोध्या ने कोचिंग सेंटरों के केंद्र के रूप में अपनी प्रमुख पहचान अब पीछे छोड़ दी है। इस कायापलट का एक बड़ा कारण भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण है, जिसने न केवल आध्यात्मिक अहमियत को फिर से जिंदा कर दिया है, बल्कि आर्थिक विकास की लहर भी शुरू की है, जिससे अयोध्या एक संपन्न शहर में बदल गया है।

पिछले चार सालों में, अयोध्या में रियल एस्टेट अर्थव्यवस्था ने जमीन की कीमतों में दस गुना उछाल ला दिया है, जो एक जबरदस्त पुनरुद्धार का संकेत है। उनका बदलाव केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि प्रतीकात्मक भी है, क्योंकि अयोध्या अभिशप्त मानी जाने वाली धारणा से हटकर आस्था और आर्थिक समृद्धि के संगम का प्रतीक बन गई है।

साकेत डिग्री कॉलेज, अयोध्या के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. परेश पांडे, शहर के हालिया अतीत को दर्शाते हुए कहते हैं, "तीन से चार साल पहले, अयोध्या, जिसे तब फैजाबाद के नाम से जाना जाता था, मुख्य रूप से कोचिंग संस्थानों के केंद्र के रूप में पहचाना जाता था। इस क्षेत्र में 86.52 प्रतिशत की उच्च साक्षरता दर है, जो छात्रों को JEE या NEET की तैयारी के लिए यहां आने के लिए प्रेरित करती है।"

हालांकि, कोचिंग संस्थान ज्यादातर बाहरी लोग चलाते, जिससे स्थानीय समुदाय को कम ही लाभ होता था। डॉ. पांडे एक महत्वपूर्ण बदलाव का जिक्र करते हुए कहते हैं, "राम मंदिर के निर्माण ने नए अवसर खोले हैं, जिससे उन युवाओं की वापसी हुई है, जो बेहतर संभावनाओं के लिए पलायन कर गए थे। कई लोग अब आंत्रप्रेन्योर के उपक्रमों में लगे हुए हैं, जैसे कि होमस्टे बनाने या पेइंग गेस्ट के आधार पर कमरे उपलब्ध कराना।"

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